बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने खुद को आंध्र प्रदेश की गवर्नर नियुक्त किए जाने की खबरों को गलत बताया है. उन्होंने ट्वीट इस कर बारे में स्थिति साफ की.
सुषमा ने बताया, कैसे फैला कंफ्यूजन
इससे पहले सुषमा ने एक और ट्वीट कर बताया कि आखिर कैसे ये बात फैली और लोग भ्रम का शिकार हुए. उन्होंने लिखा, “भारत के उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी से मैंने विदेश मंत्री के पद को छोड़ने के बारे में बात की थी. यह बात ट्विटर के लिए मुझे आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्त करने के लिए काफी था.”
ये कयास तब लगाए जाने लगे जब केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने ट्वीट कर सुषमा को आंध्र प्रदेश की राज्यपाल बनने पर बधाई थी.हालांकि, बाद में हर्षवर्धन ने ये ट्वीट डिलीट कर लिया. न्यूज एजेंसी ANI ने इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है.
एएनआई ने जिस ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है, उसमें लिखा है
बीजेपी की वरिष्ठ नेता और मेरी दीदी, पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज जी को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनने पर बहुत बधाई व शुभकामनाएं. सभी क्षेत्रों में आपके लंबे अनुभव से प्रदेश की जनता लाभान्वित होगी.
सुषमा स्वराज ने हालिया लोकसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था. 2014 लोकसभा चुनाव में वो मध्य प्रदेश के विदिशा से जीतकर आईं थीं और उन्हें विदेश मंत्री का पद दिया गया था.
ऐसा है सुषमा का राजनीतिक सफर
सुषमा स्वराज भारतीय राजनीति का एक बहुत बड़ा चेहरा हैं. सुषमा स्वराज साल 2009 में भारतीय जनता पार्टी द्वारा संसद में विपक्ष की नेता चुनी गयी थीं, इस नाते वे भारत की पन्द्रहवीं लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता रही हैं. इसके पहले भी वे केन्द्रीय मंत्रिमंडल में रह चुकी हैं और दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रही हैं.
अम्बाला छावनी में जन्मीं सुषमा स्वराज ने एस.डी. कॉलेज अम्बाला छावनी से बी॰ए॰ और पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री ली है. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पहले जयप्रकाश नारायण के आन्दोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. आपातकाल का पुरजोर विरोध करने के बाद वे सक्रिय राजनीति से जुड़ गयीं. साल 2014 में वो भारत की पहली महिला विदेश मंत्री बनीं.