मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान शिवराज कैबिनेट की मंत्री और तीन बार की विधायक उषा ठाकुर को लेकर हैरान करने वाले जानकारी सामने आई है। महू से नामांकन के दौरान उन्होंने शपथ पत्र दिया है, उसमें लिखा है कि उनकी संपत्ति 59 लाख रुपए है। 5 साल पहले यह 7 लाख रुपए ही थी। दैनिक भास्कर ने जब इस बारे में उनके समर्थकों से बातचीत की तो वे भी इस जानकारी पर आश्चर्य जता रहे हैं।
ठाकुर को छोड़कर अन्य सभी 33 मंत्री करोड़पति हैं। शिवराज समर्थक कैबिनेट मंत्री भूपेंद्रसिंह इस लिस्ट में टॉप और उज्जैन क्षेत्र से मंत्री डॉ. मोहन यादव दूसरे और रीवा से मंत्री राजेंद्र शुक्ला तीसरे नंबर पर हैं। इंदौर जिले से ही दूसरी मंत्री और सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट दौलत के मामले में प्रदेश में छठे नंबर पर हैं।
इंदौर जिले की महू (डॉ.अंबेडकर नगर) विधानसभा सीट से विधायक उषा ठाकुर एक मात्र ऐसी विधायक हैं जो सिर्फ लखपति हैं। वे शिवराज कैबिनेट का हिन्दू वादी चेहरा है। रिवाल्वर रखती हैं, जिसकी कीमत उन्होंने 60 हजार बताई है। इनकम टैक्स से जुड़ा कोई ब्योरा उन्होंने शपथ पत्र में नहीं दिया है। 5 साल पहले उनकी संपत्ति सात लाख रुपए के आसपास बताई थी।
मुस्लिम युवाओं को गरबा से दूर रखने का फरमान सुनाने वाली भाजपा विधायक ठाकुर कट्टर हिंदूवादी चेहरा हैं। वे अपने अलग अंदाज के लिए भी जानी जाती हैं। कुछ खास मौकों पर अपनी पुरानी कावासाकी बाइक (1994 में खरीदी) से चलने वाली ठाकुर हमेशा कटार लेकर चलती हैं। उषा को 1990 में पार्षद बनने के पहले भगत सिंह के परिवार वालों ने कटार उपहार में दी थी। ठाकुर इसे अपनी जिंदगी का सबसे अहम क्षण मानती हैं। हालांकि, ठाकुर की छवि एक उग्र राष्ट्रवादी की नहीं है लेकिन वे सांसद प्रज्ञा ठाकुर और उमा भारती की तरह ही पार्टी का हिन्दूवादी चेहरा हैं। पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक उन्हें ‘दीदी’ कहकर संबोधित करते हैं।
ठाकुर भाजपा की उपाध्यक्ष और सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की इंचार्ज रह चुकी हैं। ठाकुर ने 1989 में सामाजिक कार्यक्रमों में सक्रिय होना शुरू किया और संघ की इंदौर शाखा में बौद्धिक प्रमुख बनीं। एजुकेशन और इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएट और एम.फिल कर चुकीं उषा ठाकुर दुर्गा वाहिनी की सक्रिय सदस्य रही हैं। उषा ठाकुर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि “मैंने शादी नहीं करना का फैसला कर लिया था। बचपन से ही मैं चाहती थी कि मेरे परिवार का कोई सदस्य धर्म और देश सेवा के लिए जीवन समर्पित करे। मेरे माता-पिता अंग्रेजी के शिक्षक थे। मेरे पांच भाई-बहन हैं। रिटायरमेंट के बाद पिता ने गौ-शाला शुरू की। हम इसे गायों का ओल्ड एज होम कहते हैं।
इस बार ठाकुर के टिकट को लेकर खींचतान मची थी। क्षेत्र में विरोध के पोस्टर तक लग गए। स्थानीय उम्मीदवार की मांग तक उठी और विरोध को देखते हुए पार्टी ने उनका टिकट होल्ड कर दिया था।कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें किसी अन्य सीट से पार्टी चुनाव लड़ा सकती है। बीजेपी ने आखिरी लिस्ट में उनका नाम मौजूदा महू सीट से ही घोषित कर दिया। टिकट होने के बाद भी ठाकुर का विरोध हुआ। पिछले दिनों विरोधी गुट ने बैठक तक की। ऐसे में इस बार उनकी राह आसान नहीं है। कांग्रेस से बागी होकर अंतर सिंह दरबार अगर मैदान संभालते हैं तो ठाकुर को इसका फायदा होगा।
शहर की 100 भजन मंडलियों के साथ जुड़ी ठाकुर शहर के अलग-अलग हिस्सों में सुंदर कांड का आयोजन कराती रही हैं। 2003 में ठाकुर इंदौर-1 क्षेत्र से और 2013 में दूसरी बार इंदौर-3 सीट से विधानसभा के लिए निर्वाचित हुईं। इसके बाद 2018 विधानसभा में इंदौर से बाहर निकलकर महू पहुंची। यहां भी उन्होंने अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखा।
इंदौर जिले की सांवेर सीट से विधायक और जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट करोड़पति मंत्रियों की सूची में छठे स्थान पर हैं। उन्हें इस बार भी भाजपा ने सांवेर से टिकट दिया है। पिछले दिनों उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया। इसके साथ दिए गए शपथ पत्र के अनुसार सिलावट की कुल संपत्ति 14.40 करोड़ के करीब है।
भूपेंद्र सिंह के परिवार में हर कोई लखपति है। उनकी तीन बेटी और एक बेटा है। भूपेंद्र सिंह खुरई सीट से लगातार दो बार के विधायक है। बीजेपी ने तीसरी बार उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है। भूपेंद्र सिंह सांसद भी रहे हैं। पत्नी सरोज सिंह के पास 52 करोड़ 96 लाख 11 हजार रुपए की संपत्ति है।
2018 के हलफनामे के अनुसार उज्जैन दक्षिण से विधायक डॉ.मोहन यादव की संपत्ति 31.50 करोड़ है। इस बार का उनकी संपत्ति का ब्योरा अभी सामने नहीं आया है। संभावना है कि उनकी संपत्ति में इजाफा ही होगा।