राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जारी किसानों के आंदोलन के बीच सियासत भी तेज हो गई है। विपक्षी दल किसानों की ओर से बुलाए गए भारत बंद का समर्थन कर रहे हैं। यही नहीं नए कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर संसद सत्र भी बुलाए जाने की वकालत कर रहे हैं। दूसरी ओर गैर भाजपा शासित राज्यों ने भी केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इसी कड़ी में केरल सरकार ने कहा है कि वह नए कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
केरल के कृषि मंत्री वीएस सुनिल कुमार ने कहा, ‘हम नए कृषि कानूनों के खिलाफ इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। केरल सरकार किसान विरोधी इन कानूनों को सूबे में नहीं लागू करेगी।’ उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में इन कानूनों के बदले दूसरे विकल्पों पर विचार किया जाएगा। इस बीच सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों की लामबंदी भी तेज हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह किसानों की सभी मांगों का समर्थन करते हैं। किसानों का मुद्दा और संघर्ष बिल्कुल जायज है।
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों की मांग का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने से कुछ भी कम मंजूर नहीं होगा। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस आठ दिसंबर को किसान क्रांति के समर्थन बुलाए गए शांतिपूर्ण भारत बंद के साथ है। हम इसका पूर्ण रुप से समर्थन करेंगे। किसानों के साथ अत्यचार और अन्याय असहनीय है। अदानी और अंबानी कृषि कानून रद करने होंगे। इससे कम पर कुछ भी मंजूर नहीं होगा।
वहीं तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि टीएमसी आंदोलनकारी किसानों के साथ खड़ी है। सांसद सौगत राय ने कहा कि हम पश्चिम बंगाल में भारत बंद का समर्थन नहीं करेंगे। यह बंद हमारी नीति के खिलाफ है। बसपा और सपा ने भी किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि बसपा आठ दिसंबर को भारत बंद का समर्थन करेगी। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सपा किसानों के हर आंदोलन का समर्थन करती है।
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आदर्श कुमार
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