उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र और असम सरकार को अपने पिछले आदेश के अनुसार हिरासत शिविरों से बांग्लादेशी प्रवासियों की रिहाई की स्थिति पर नयी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ को वकील प्रशांत भूषण ने बताया कि 300 से ज्यादा लोग तीन साल से अधिक समय से हिरासत में हैं जबकि 700 से ज्यादा को एक साल से अधिक समय से रखा गया है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने समय मांगा जिसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले में सुनवाई मार्च के तीसरे सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल मई में आदेश दिया था कि असम में हिरासत में तीन साल से अधिक समय बिता चुके अवैध विदेशी प्रवासियों को एक सुरक्षित डाटाबेस में उनकी बायोमेट्रिक जानकारी लेने के बाद छोड़ा जा सकता है।