न्यायालय ने उनके वकील को परमबीर सिंह का पता बताने का निर्देश दिया था। साथ ही पूर्व पुलिस आयुक्त की ओर से उनके पावर ऑफ अटॉर्नी की याचिका 22 नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी थी। न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि सुरक्षा देने का अनुरोध करने वाली उनकी याचिका पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए दायर की गई है।
पीठ ने कहा था कि आप सुरक्षात्मक आदेश देने का अनुरोध कर रहे हैं, लेकिन कोई नहीं जानता कि आप कहां हैं? मान लीजिए आप विदेश में बैठे हैं और पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए कानूनी सहारा ले रहे हैं तो क्या होगा? अगर ऐसा है तो अदालत यदि आपके पक्ष में फैसला देती है तभी आप भारत आएंगे। हम नहीं जानते कि आपके दिमाग में क्या चल रहा है? जब तक हमें यह पता नहीं चल जाता कि आप कहां हैं, तब तक कोई सुरक्षा नहीं, कोई सुनवाई नहीं होगी। गौरतलब है कि मुंबई में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने बुधवार को परमबीर सिंह को उनके खिलाफ दर्ज वसूली मामले में भगोड़ा अपराधी घोषित किया था। परमबीर इस साल मई में आखिरी बार कार्यालय आए थे। इसके बाद वह अवकाश पर चले गए। राज्य पुलिस ने बंबई उच्च न्यायालय को पिछले महीने बताया कि परमबीर सिंह के बारे में उसके पास कोई जानकारी नहीं है
वसूली मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने उन्हें भगोड़ा घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि आईपीएस अधिकारी को गैर जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद भी उनका पता नहीं चल सका है। गोरेगांव पुलिस थाने में दर्ज मामले में पूर्व सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे भी आरोपी है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसबी भाजीपले ने बुधवार को परमबीर के अलावा सह-आरोपियों विनय सिंह और रियाज भट को भी भगोड़ा अपराधी घोषित किया।
रियल एस्टेट डेवलेपर और होटल मालिक बिमल अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने उनके दो बार और रेस्त्रां पर छापे न मारने की एवज में उनसे नौ लाख रुपये वसूले थे। इतना ही नहीं आरोपितों ने 2.92 लाख रुपये के दो स्मार्टफोन खरीदने के लिए भी विवश किया था। उसकी शिकायत के बाद छह आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 384 और 385 के तहत एक मामला दर्ज किया गया। परमबीर ठाणे में भी वसूली के एक मामले का सामना कर रहे हैं।
आईपीएस अधिकारी को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से मार्च 2021 में तब हटा दिया गया था, जब उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास एक एसयूवी से विस्फोटक पदार्थ बरामद होने के मामले में वाजे को गिरफ्तार किया गया था। विस्फोटक पदार्थ मिलने के बाद ही ठाणे के उद्योगपति मनसुख हिरेन का शव मिला था।