सुप्रीम कोर्ट ने दी हार्दिक पटेल को राहत, अब लड़ सकेंगे चुनाव,

गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पाटीदार आंदोलन के दौरान हिंसा मामले में उनकी दोष सिद्धि पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट से दोष सिद्धि पर रोक लगने के बाद हार्दिक इस वर्ष के अंत में गुजरात में होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ सकेंगे।

हार्दिक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने पटेल की दोष सिद्धि पर रोक लगाने की मांग ठुकरा दी थी। दोष सिद्धि पर रोक नहीं लगने के कारण हार्दिक 2019 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाए थे। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा मामले में मेहसाणा विसनगर की सत्र अदालत ने हार्दिक को दंगा और आगजनी का दोषी ठहराते हुए दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी। दो साल की सजा होने के कारण हार्दिक चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए थे।
मंगलवार को न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और विक्रम नाथ की पीठ ने हार्दिक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह की दलीलें सुनने के बाद दोष सिद्धि पर रोक लगा दी। सुनवाई के दौरान मनिंदर सिंह ने कहा कि हार्दिक को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं देना संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत मिली अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है। वे पहले ही 2019 में चुनाव लड़ने का मौका गंवा चुके हैं। सिंह ने पुलिस शक्ति के बेजा इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए चुनाव लड़ने के लिए अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार की दुहाई दी। गुजरात सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हार्दिक की याचिका का विरोध किया। कहा कि दोष सिद्धि का निलंबन आपराधिक कानून में तय सिद्धातों के तहत निर्धारित होता है, न कि इस पर कि ये चुनाव लड़ना चाहते हैं। हार्दिक पर गंभीर आरोप हैं
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद हार्दिक की दोष सिद्धि पर रोक लगाते हुए कहा कि यह केस हाई कोर्ट द्वारा दोष सिद्धि पर रोक लगाने का फिट मामला था। हार्दिक की दोष सिद्धि पर उनकी अपील का निर्धारण होने तक रोक रहेगी।