केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर पूरे प्रदेश में महासंपर्क अभियान की शुरुआत की जा रही है जिसका प्रभार एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल को दिया गया है।
केंद्र सरकार के 9 वर्ष पूरे होने पर पूरे प्रदेश में महा जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है जिसकी कमान सुनील बंसल के हाथों में है। यह है कि निकाय चुनाव में मिली जीत के तुरंत बाद ही बीजेपी ने अपनी संगठनात्मक बैठक को शुरू किया और सभी क्षेत्र में इस बैठक को किया जिसमें बरेली क्षेत्र की बैठक में सुनील बंसल खुद शामिल हुए हैं जहां उन्होंने यह साफ तौर पर कहा कि यूपी में अपने कार्यकर्ताओं से अपेक्षाएं इसलिए हैं क्योंकि वह अपेक्षाएं से बढ़कर काम करते हैं।भारतीय जनता पार्टी ने मिशन 2024 की तैयारियां तेज कर दी है। यही कारण है की यूपी में 80 सीटों पर जीत हासिल करने के लिए रणनीतियां तैयार की जा रही है। इस बार भाजपा का सबसे ज्यादा फोकस 2019 के लोकसभा चुनाव में हाथ से निकली हुई 14 लोकसभा सीटों पर है और इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिए संगठन की तरफ से प्रभारियों को नियुक्त कर दिया गया है। इसके साथ ही अपनी रणनीतियों को सफल बनाने की इसलिए राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल को कमान सौंपी गई है।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 16 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, संभल, रायबरेली, घोसी, लालगंज, जौनपुर, अंबेडकर नगर, गाजीपुर,श्रावस्ती, मैनपुरी, सहारनपुर, आजमगढ़, रामपुर और नगीना शामिल थे। 2019 में रामपुर सीट पर समाजवादी पार्टी से आजम खान और आजमगढ़ सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जीत हासिल की थी। लेकिन 2022 में रामपुर और आजमगढ़ सीट पर हुए उपचुनाव में ये दोनों सीटें बीजेपी के खाते में आ गई थी।
बीजेपी को यूपी में जीत दिलाने में सुनील बंसल का सबसे ज्यादा योगदान रहा है उसी योगदान के बदौलत ही 2014 लोकसभा चुनाव, 2017 यूपी विधानसभा चुनाव, 2019 लोकसभा चुनाव और फिर 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल हुई थी।
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शुक्ला का यह मानना है कि सुनील बंसल की यूपी में फिर से वापसी का बहुत ही पॉजिटिव असर रहेगा क्युकी ये सोशल इंजीनियरिंग में माहिर है बंसल यूपी के रग रग से वाकिफ हैं।
उन्हीं के कार्यकाल में पहली बार ऐसा हुआ था दो लोकसभा के चुनाव हुआ और दो बार विधानसभा का चुनाव तो सीटों के बंटवारे में कभी भी धरना प्रदर्शन जैसी चीजें नहीं हुई और इस बार जब उन्हें इस महा जनसंपर्क अभियान का प्रभारी बनाया गया है तो निश्चित तौर पर बीजेपी का बहुत ही पॉजिटिव असर रहेगा और वह हारी हुई 14 लोकसभा सीटों के प्रभारी हैं तो निश्चित तौर पर 24 लोकसभा चुनाव में बहुत ही प्रभावी असर देखने को मिलेगा।
2014 से पहले पार्टी संगठन की स्थिति बहुत दयनीय थी यही कारण था कि 2014 से पहले कभी भी कितनी सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल नहीं की थी लेकिन सुनील बंसल यूपी की कमान सौंपी गई तब से उन्होंने बूथ स्तर पर संगठन के ढांचे को मजबूत किया। और अपनी राजनीतिक कुशलता और यूपी की नब्ज को समझने की वजह से राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई।