राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच मध्य प्रदेश में कांग्रेस को एक और झटका लगा है। मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक सुमित्रा कास्डेकर ने शुक्रवार को विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। भोपाल पार्टी कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में सुमित्रा देवी कास्डेकर भाजपा में शामिल हुईं। कास्डेकर के इस्तीफे के बाद कांग्रेस की सदस्य संख्या 90 बची है। इस प्रकार चार महीने में कांग्रेस के 24 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं।
बुरहानपुर जिले में नेपानगर विधानसभा सीट की कांग्रेस विधायक सुमित्रा कास्डेकर ने शुक्रवार दोपहर में विधानसभा सचिवालय में विधायक पद से इस्तीफा दिया। प्रमुख सचिव एपी सिंह ने कास्डेकर का इस्तीफा प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर को भेजा, जिसे देर शाम स्वीकार कर लिया गया है। राज्य में दो विधायकों का निधन भी हो चुका है। इस तरह 26 विधानसभा सीटें रिक्त हो गई हैं जिन पर अब उपचुनाव होंगे। विधानसभा सचिवालय ने कास्डेकर के इस्तीफे को स्वीकार करने के बाद नेपानगर विधानसभा सीट की रिक्तता की अधिसूचना जारी कर दी है।
विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को 114 सीटें मिली थीं जिसके कारण कमल नाथ सरकार बनी थी। इसके बाद 19 महीने में परिस्थितियां इस तरह बदलीं कि सरकार तो रही नहीं, साथ ही विधायकों ने लगातार तीन झटके दिए। पहली बार सरकार गिराने के लिए 22 विधायकों ने इस्तीफे दिए थे तो दूसरी बार रविवार को बड़ा मलहरा के कुंवर प्रद्युम्न सिंह लोधी ने इस्तीफा दिया और शुक्रवार को सुमित्रा कास्डेकर ने त्याग पत्र देकर कांग्रेस को तीसरा झटका दिया है। विधानसभा में भाजपा के 107, बसपा के दो, सपा का एक और निर्दलीय चार विधायक हैं।
कासडेकर ने कहा कि 15 महीने की सरकार के दौरान क्षेत्र के विकास को लेकर मैं मुख्यमंत्री कमल नाथ से मिलने भोपाल जाती थी, लेकिन मुख्यमंत्री को विधायकों से मिलने की फुर्सत ही नहीं होती थी। क्षेत्र में विकास कार्य ठप थे। हमारी कोई सुनवाई नहीं होती थी। कांग्रेस ने हमेशा मेरे साथ उपेक्षा का व्यवहार किया है।