सॉरी पापा, मैं डॉक्टर नहीं बन पाऊंगी। मेरा मेडिकल पढ़ाई में मन नहीं लग रहा… ये लिखकर एमबीबीएस छात्रा मृणाल ने सुसाइड कर लिया। एसीपी कृष्णानगर विनय कुमार द्विवेदी ने बताया कि छात्रा के कमरे से सुसाइड नोट मिला है। इसके अलावा कुछ दवा के पर्चे और दवाइयां भी मिली हैं। छात्रा काफी समय से डिप्रेशन में थी। उसका इलाज भी चल रहा था।
दरअसल, शुक्रवार को सरोजनी नगर के टीएस मिश्रा मेडिकल कालेज में एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की छात्रा मृणाल ने 9वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी। चीख सुनकर हॉस्टल की छात्राएं बाहर निकलीं तो देखा मृणाल का लहूलुहान शव जमीन पर पड़ा था। मेडिकल कालेज में ही डाक्टरों की टीम ने छात्रा को देखकर मृत घोषित कर दिया। शुक्रवार को ही कॉलेज में फेयरवेल पार्टी भी थी। औपचारिकता पूरी करने के बाद पार्टी कैंसिल कर दी गई।
थाना पुलिस के मुताबिक, चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेंट मानिक कुमार ने बताया कि कौशल किशोर और अमरलता बेटी मृणाल को डॉक्टर बनाना चाहते थे। मृणाल डॉक्टर नहीं बनना चाहती थी। जिसका असर उसकी पढ़ाई में दिख रहा था। इसके चलते उसको पटना भेज दिया था। उसने चार महीने पहले ही कॉलेज में एडमिशन लिया था। बताया कि वह तीन दिन पहले ही कॉलेज आई थी। छात्रा इसके बाद भी तनाव में थी। मृणाल मूलरुप से बिहार के पटना में कैपिटल कोचिंग, एनएस अशोक राजपथ की रहने वाली थी।
मूल रूप से पटना के राजपथ निवासी कोचिंग संचालक कौशल किशोर सिंह की बेटी मृणाल टीएस मिश्रा कॉलेज के हास्टल में रहकर एमबीबीएस कर रही थी। सरोजनीनगर पुलिस के मुताबिक छात्राओं के मुताबिक मृणाल 902 नम्बर कमरे में साक्षी नाम की छात्रा के साथ रहती थी। उसने शुक्रवार सुबह करीब दस बजे 9वीं मंजिल की बालकनी से छलांग लगाकर सुसाइड कर लिया।
जानकारी पर डीसीपी राहुल राज, एडीसीपी मनीषा सिंह, एसीपी समेत कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। मृणाल के कमरे के बाहर बालकनी में कुर्सी रखी मिली और सुसाइड नोट मिला है। मृणाल की मां हास्टल के पास ही किराये पर कमरा लेकर रहती थी। घटना के बाद उसके पिता को भी पुलिस ने सूचना दे दी थी।