गन्ना कर्मचारी मार रहे हैं किसानों का हक़, कोई इनकी सुनने को तैयार नही

गन्ना तौल केंद्र पर किसानों के सालों की मेहनत पर पलीता लगाया जा रहा है | जिससे परेशान होकर किसान या तो आत्महत्या कर लेता है या पलायन कर जाता है | जब हमारी टीम किसी भी ग्रामीण क्षेत्र में जाकर लोगों से गन्ना के बारें में पूछताछ करती है तो यही बातें सामने आती है एक गन्ना तौल केंद्र पर गन्ना लिपिक द्वारा लगातार घटतौली की जा रही थी यही नहीं तौल लिपिक अपनी स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति से तौल करवा रहा था जबकि वह गन्ना बिभाग से सम्बंधित नहीं था | जिसका वीडिओ भी सामने आया है इसकी सूचना जब मिल बिभाग व जिला गन्ना अधिकारी को दी गई तो जांच में क्या मिला ?आप पढ़ लीजिए |
दरअसल ये पूरा मामला बस्ती जनपद के हर्रैया तहसील का है इसी तहसील के अंतर्गत बभनान शुगर मिल से सम्बद्ध गन्ना तौल केंद्र बिशुनदासपुर है | जिस पर गन्ना तौल करवाने आये किसान घटतौली से बहुत परेशान हैं , सालों की मेहनत पर पलीता लगाया जा रहा था जिससे तंग आकर कुछ किसानों ने अवैध ब्यक्ति द्वारा गन्ना तौल का वीडिओ बना लिया | वीडिओ में जो व्यक्ति गन्ना तौल रहा है वह केंद्र पर निर्धारित तौल लिपिक के अलावां अन्य व्यक्ति है ऐसा किसानों का आरोप है| जबकि कुछ किसानों का यह भी आरोप है की तौल करने के बाद पर्ची नहीं देते हैं और भुगतान बाद में करने की बात करतें हैं बेचारा किसान भ्र्ष्ट अधिकारियों के बीच बलि का बकरा बन कर रह जाता है जो पूरे देश का अन्नदाता होता है|
कुछ किसानों ने तो फ़ोन से बात करने पर उसका ऑडियो रिकॉर्डिंग भी साक्ष्य के रूप में रखा है शायद अब ये सुनकर कोई इनकी सुनेगा लेकिन इनका मददगार कोई नहीं |
इसकी शिकायत जब किसानों ने उप जिलाधिकारी हर्रैया से किया तो उनके द्वारा यह आदेश जिला गन्नाधिकारी, तहसीलदार हर्रैया और गन्ना प्रशासन को दिया गया
जांच रिपोर्ट में शुगर मिल बिभाग बभनान द्वारा यह दर्शाया गया कि तौल लिपिक नव वर्ष में श्रमिकों के लिए मिठाई की व्यवस्था कर रहे थे जबकि यह घटना और वीडिओ 2 जनवरी 2023 का है और शिकायत 3 जनवरी 2023 को की गई
दूसरी जाँच रिपोर्ट गन्ना विकास परिषद् बस्ती द्वारा यह दर्शाया गया की तौल केंद्र में कांटा मशीन शुद्ध पाया गया और वहां के तौल लिपिक विशाल दूबे केंद्र पर मौजूद थे तथा ट्रक में गन्ना लोडिंग देख रहे थे
अब सब कुछआपके सामने है एसडीएम हर्रैया द्वारा बिभागों को जो जाँच सौंपी गई थी तो दोनों जांच रिपोर्ट अलग अलग पाए गए |
सरकार लगातार किसानों के हित की बात तो करती है लेकिन जमीन पर क्या ये सच साबित हो पा रहा है ? इसी सरकार में बैठे भ्रष्ट अधिकारी सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहे हैं और किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रहे हैं |
सोचिए ये मामला सिर्फ एक गन्ना तौल केंद्र का नहीं है लगभग सभी केंद्र के किसानों का गन्ना मनमानी ढंग से तौल किया जा रहा है अब किसान अपनी फरियाद लेकर दर दर की ठोकरे खा रहा है अधिकारीयों द्वारा इस पर कोई अमल देखने को नहीं मिल रहा |
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