घोसी के घमासान में सपा ने बड़ी जीत दर्ज की है। सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह 124427 वोट मिले हैं। जबकि बीजेपी के दारा सिंह को 81668 वोट मिले। सुधाकर ने दारा सिंह को 42759 वोटों से शिकस्त दी है। यह सीट दारा सिंह चौहान के इस्तीफे देने के कारण खाली हुई थी। 2022 विधानसभा चुनाव में सपा से चुनाव लड़ रहे दारा सिंह ने 22000 वोटों से जीत दर्ज की थी। जीत को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि ये झूठे प्रचार और जुमला जीवियों की पराजय है। ये दलबदल-घरबदल की सियासत करने वालों की हार है।
उन्होंने कहा कि ये नतीजा भाजपा का अहंकार और घमंड को चकनाचूर करने वाला है। ये एक ऐसा चुनाव है, जिसमें जीते तो एक विधायक हैं। पर हारे कई दलों के भावी मंत्री हैं। इंडिया टीम है और PDA रणनीति। जीत का हमारा ये नया फॉर्मूला सफल साबित हुआ है। घोसी की जनता को धन्यवाद। सुधाकर सिंह को जीत की बधाई।
बीजेपी की हार पर ओपी राजभर ने कहा कि जो रिजल्ट आ रहा है, हम उसका स्वागत करते हैं। विपक्ष जब हारता है तो EVM पर सवाल उठाता है। अब तो ये प्रमाण हो गया कि EVM सही है।
योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने हार पर कहा, “घोसी उपचुनाव में भाजपा की हार के लिए दारा सिंह खुद जिम्मेदार हैं। यह उपचुनाव था और कोई भी उपचुनाव प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के नाम पर नहीं, बल्कि खुद प्रत्याशी के चेहरे पर होता है।”
उन्होंने कहा, “घोसी में 43 गांवों में भाजपा को जिताने की जिम्मेदारी हमारी थी, हमने 40 गांव में जीत दर्ज कराई है और 80 प्रतिशत वोट भाजपा को मिले हैं, बाकी तीन गांव में हम हारे हैं वह भी अपने ही पार्टी के नेता की वजह से। जो हमारे समाज के बीच में जाकर हमारी ही बुराई कर रहे थे।”
वहीं RLD प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि बड़ी जीत दर्ज करा कर INDIA का हौसला बढ़ाने के लिए घोसी, उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को धन्यवाद। घोसी से प्रत्याशी सुधाकर सिंह और अखिलेश यादव को बधाई।
शुरुआत में बैलेट काउंटिंग में बीजेपी के दारा सिंह चौहान ने बढ़त बनाई, लेकिन EVM से काउंटिंग शुरू होते ही सपा के प्रत्याशी सुधाकर सिंह आगे निकल गए। पहले राउंड में सुधाकर सिंह ने 178 वोटों की लीड ली। इसके बाद हर राउंड में जीत का ग्राफ बढ़ता गया।
बता दें कि 5 सितंबर को हुई वोटिंग के दौरान 50.30 प्रतिशत लोगों ने ही वोट डाला था। जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में 58.53 फीसदी लोगों ने वोटिंग की थी।
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा- हम तो पहले से ही बोल रहे थे, इस चुनाव में सपा की बड़ी जीत होगी। सपा लगातार बढ़त बनाए हुए है। जिस तरह से लोगों ने दल बदल कर घोसी की जनता का अपमान किया है, ये उसी का बदला है।
योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने कहा- अगर एरिया पाकिस्तान वाला है, तो बक्से जब खुलते हैं। लगता है कि पाकिस्तान जीत रहा है। जब एरिया हमारे लोगों का आता है, तो पता चला वह गायब हो जाते हैं।
संजय निषाद के बयान पर शिवपाल यादव ने पटलवार किया। उन्होंने कहा-कोई इन्हें बताए कि ये ‘इंडिया दैट इज भारत’ है, जहां हर भारतीय भारत माता की संतान है और एक सम्मानित नागरिक है।
काउंटिंग के लिए 14 टेबल बनाए गए हैं। इसमें 19 टीमें काउंटिंग करेंगी। कुल 32 राउंड काउंटिंग होगी।
सपा के सुधाकर देर रात मतगणना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा, ”जब तक गिनती न हो जाए और परिणाम न निकल जाए, तब तक तो निगरानी करनी पड़ती है।”घोसी में योगी और अखिलेश की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। भाजपा ने उपचुनाव में मंत्रियों की फौज उतार दी थी। बीजेपी के लिए 26 मंत्री और 60 से ज्यादा विधायक ने प्रचार किया। सीएम योगी ने भी चुनावी जनसभा की।
बीजेपी ने पिछड़ी जाति के वोटरों को साधने के लिए ओपी राजभर को, निषाद वोटरों को साधने के लिए संजय निषाद, कुर्मी वोटरों को साधने के लिए एके शर्मा और स्वतंत्र देव सिंह, ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, मुस्लिम समाज के पसमांदा वोटरों को साधने के लिए दानिश आजाद अंसारी को घोसी के रण में उतरा गया।
इधर, सपा की तरफ से अखिलेश यादव, शिवपाल यादव समेत कई नेता चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। शिवपाल तो नामांकन के बाद से ही घोसी में डटे रहें। अपने प्रत्याशी के लिए शिवपाल यादव ने डोर-टू-डोर कैंपेन किया।
2012 में सुधाकर सिंह 73,688 वोटों से जीते थे। दारा सिंह चौहान 2022 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर घोसी से चुने गए थे। 2022 में दारा सिंह चौहान को 1,08,430 वोट मिले थे।
2017 में घोसी सीट से फागू चौहान ने जीत दर्ज की थी। उन्हें 88,298 वोट मिले थे। फागू चौहान ने 1996 और 2002 में भी घोसी सीट से जीत दर्ज की थी। 2019 में फागू चौहान बिहार के राज्यपाल बनाए गए तब घोसी में उपचुनाव हुए। भाजपा ने विजय राजभर को मैदान में उतारा और वह चुनाव जीत गए।घोसी विधानसभा सीट पर 6 साल के भीतर चौथी बार चुनाव हुए हैं। दिलचस्प है कि PDA (पिछड़ा, दलित अल्पसंख्यक) का नारा बुलंद करने वाली समाजवादी पार्टी ने क्षत्रिय बिरादरी के उम्मीदवार पर दांव लगाया है, जबकि बीजेपी की ओर से दलबदल के लिए चर्चित रहे दारा सिंह चौहान की प्रतिष्ठा दांव पर है।सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद यह सीट खाली हो गई। फिर 8 अगस्त को उपचुनाव का ऐलान हुआ। 10 अगस्त से नामांकन से शुरू हुआ, जिसके लिए अंतिम तिथि 17 अगस्त रखी गई थी। वहीं, चुनाव प्रचार 3 सितंबर तक चला। 5 सितंबर को वोटिंग हुई थी।
2022 के विधानसभा चुनाव में घोसी से 11 उम्मीदवार चुनाव लड़े थे, तब BJP से बागी होने वाले दारा सिंह चौहान को सपा ने टिकट दिया था। चौहान ने 108,430 वोट हासिल कर BJP के विजय कुमार राजभर को 22 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी। राजभर को 86,214 वोट मिले। वहीं, तीसरे पायदान पर रहे BSP उम्मीदवार वसीम इकबाल को 54,248 वोट मिले थे।घोसी विधानसभा सीट 1951 में आजमगढ़ जिले का हिस्सा थी। तब घोसी पूर्व से सोशलिस्ट पार्टी के राम कुमार और पश्चिम घोसी से यूपी रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के झारखंड राय चुनाव जीते थे। 1957 में अस्तित्व में आई घोसी सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट से झारखंड राय को कामयाबी मिली।
राय ने इसी सीट से 1962 और 1967 में भी भाकपा उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज की। साल 1968 में घोसी लोकसभा सीट से लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बने। 1971 और 1980 में भी इसी संसदीय सीट से जीते, लेकिन 1977 में चुनाव हार गए।