दरअसल, नेपाल के जजरकोट के पश्चिमी क्षेत्र में शुक्रवार देर रात एक शक्तिशाली भूकंप आया. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि नेपाल के इस इलाके में दर्जनों घर ढह गए और दिल्ली, लखनऊ, पटना समेत भारत तक की इमारतें हिल गईं. नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 6.4 थी, मगर जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज ने बाद में तीव्रता को घटाकर 5.7 कर दिया और अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इसकी तीव्रता 5.6 आंकी.
स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि जजरकोट में भूकंप के केंद्र के पास के क्षेत्र में संपर्क स्थापित करना संभव नहीं था. यह 190,000 की आबादी वाला एक पहाड़ी जिला है और सुदूर पहाड़ियों में बिखरे हुए गांव हैं. जजरकोट के स्थानीय अधिकारी हरीश चंद्र शर्मा ने कहा कि उनके जिले में कम से कम 34 लोग मारे गए हैं, जबकि पड़ोसी रुकुम पश्चिम जिले में, पुलिस अधिकारी नामराज भट्टाराई ने कहा कि कम से कम 35 लोगों की मौत की सूचना मिली है.
बता दें कि नेपाल में शुक्रवार रात 6.4 तीव्रता वाले जोरदार भूकंप की वजह से भारत के लोग भी सहम उठे. रात करीब 11 बजकर 32 मिनट पर आए भूकंप के कारण लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल में अयोध्या से लगभग 227 किलोमीटर उत्तर और काठमांडू से 331 किलोमीटर पश्चिम उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई में था.
नेपाल में एक महीने में तीसरी बार तेज भूकंप आया है. भूकंप के झटके दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए, जिसके चलते ऊंची इमारतों में रहने वाले कई लोग बाहर निकल आए. नोएडा सेक्टर-76 में एक ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के निवासी प्रत्यूष सिंह ने कहा, “वास्तव में बहुत तेज झटके महसूस हुए। यह एक बेहद डरावना एहसास था. भूकंप के झटके उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बस्ती, बाराबंकी, फिरोजाबाद, अमेठी, गोंडा, प्रतापगढ़, भदोही, बहराइच, गोरखपुर और देवरिया जिलों के अलावा बिहार के कटिहार, मोतीहारी तथा पटना में भी महसूस किए गए.