STF ने मेडिकल शातिर को अरेस्ट किया, दवा, इंजेक्शन के लिए 100 से ज्यादा लोगों से लाखों ठगे

यूपी एसटीएफ ने मेदांता, पीजीआई, एम्स और धीरूभाई अम्बानी हॉस्पिटल जैसे नामचीन अस्पतालों में भर्ती मरीजों के तीमारदारों से खुद को डॉक्टर बता ठगी करने वाले गिरोह का सरगना गुरुवार लखनऊ से गिरफ्तार किया। उसने 100 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाकर लाखों की ठगी की थी। एसटीएफ काफी दिनों से उसकी तलाश कर रही थी।एसटीएफ के मुताबिक गाजियाबाद निवासी सरगना राहुल ठाकुर उर्फ करीम सोशल मीडिया के जरिए तीमारदारों का नम्बर खोजता था। वह खुद को डॉक्टर बताकर उनके मरीज की हालत गम्भीर जताते हुए एंटीडोज इंजेक्शन, प्लेटलेट्स और अन्य महंगी दवाएं बाहर से मंगवाने के नाम पर लाखों वसूल चुका है।
उसने अब तक 100 से अधिक तीमारदारों को शिकार बना चुका है। उसके पास से मेदांता के तीन फर्जी आईडी कार्ड, नौ मोबाइल, पांच सिम, तीन एटीएम आधार मिले हैं।
एसएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक राहुल बड़े अस्पतालों के नामी डॉक्टर जैसे डॉ. पुनीत, डॉ. फरीदन खान, डॉ. विवेक समेत कई नामों से ठगी करता था। वह मरीजों के तीमारदारों को उन्हीं नामों से परिचय देता था। गुरुवार पुलिस ने उसे सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में अवध शिल्प ग्राम के पास गिरफ्तार किया।
एसटीएफ ने बताया कि राहुल दिल्ली के हिन्दूराव अस्पताल में राजा नाम के व्यक्ति के साथ सस्ती दवा और बेड दिलाने की दलाली करता था। राजा ने कोरोनाकाल के समय बताया था कि वह ब्लड डोनेशन वाले ग्रुपों से जुड़ जाए। यहां तीमारदार मदद मांगते है। राहुल ने बताया कि ग्रुपों से मरीजों का ब्योरा, नंबर मिलने लगा। वह सम्पर्क कर जानकारी लेता और संबंधित अस्पतालों का डॉक्टर बनकर तीमारदार से मरीज की हालत गम्भीर बताकर उनसे दवाए मंगवाने के नाम पर रुपए जमा करा लेता था।एसटीएफ ने बताया कि 14 मई 2022 को पीजीआई कोतवाली 10 अक्तूबर को सुशांत गोल्फ सिटी थाने में राहुल पर मुकदमा दर्ज हुआ था। यहां राहुल ने खुद को डॉ. पुनीत बनकर तीमारदार अभिषेक से एंटीडीज इंजेक्शन के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों, वॉलेट में रुपए जमा करायें थे।
इसके साथ ही उसने बेरोजगारों को भी नौकरी दिलाने के नाम पर फंसाया था। उसने इन्हें अस्पताल में नौकरी, अच्छे वेतन का झांसा दिया। इसके बाद उनके दस्तावेज से सिम ले ली। इसके बाद फिनो पेमेंट बैंक में खाता खुलवा लिया। इसका एटीएम कार्ड खुद रख लिया। जाल में फंसे तीमारदारों से वह विभिन्न यूपीआई, एटीएम के जरिए रुपये लेता था। एसटीएफ ने ऐसे कई युवकों से सम्पर्क भी किया है।