मणिपुर ढाई महीने से हिंसा की आग में झुलस रहा है। इसी बीच राज्य के BJP विधायक पाओलीनलाल हाओकिप ने कहा कि हिंसा में राज्य सरकार भी शामिल है।
सरकार की मिलीभगत की वजह से हिंसा पर ढाई महीने बाद भी काबू नहीं पाया जा सका। इंडिया टुडे में लिखे एक आर्टिकल में उन्होंने यह बात कही है।
पाओलीनलाल उन 10 विधायकों में से हैं जिन्होंने मई में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को पत्र लिखकर राज्य में कुकी-बहुल जिलों के लिए एक अलग प्रशासन की मांग की थी।
उधर, बिष्णुपुर और चुराचांदपुर के बीच का थोरबुंग इलाका शनिवार शाम 7 बजे फायरिंग से गूंज रहा है। थोरबुंग के स्कूल को कुछ लोगों ने आग के हवाले कर दिया।
फिर यहीं से फायरिंग शुरू कर दी। इसी बीच CRPF बंकर्स के सामने मेन रोड पर अचानक 50-60 लोगों का झुंड आ गया। सड़क पर खुलेआम फायरिंग हो रही थी, भीड़ को कोई खौफ नहीं था।
कुकी समुदाय के लोग अपने गांव पर हमले की आशंका में सड़कों पर आ गए। भीड़ में ज्यादातर पुरुष थे, कंधों पर राइफल टंगी थीं और हाथ में खांग (तलवार जैसा हथियार) थी। इस क्रॉस फायरिंग के बीच सुरक्षाबलों ने भास्कर रिपोर्टर को अपने बंकर में छिपाकर बचाया।
CRPF के जवान बताते हैं कि हर तीसरे-चौथे दिन यही हालात होते हैं। कभी कुकी मैतेई पर हमला करता है, तो कभी मैतेई बस्ती जला देते हैं। सेफ हाउस से करीब 200 मीटर दूर असम राइफल्स के कैंप से कुछ जवान ट्रक में आए और भीड़ को डराने के लिए 5-6 लोगों को पकड़ कर ले जाने लगे। तभी सैकड़ों महिलाएं सड़क पर नारे लगाने लगीं। सुबह 4 बजे तक रुक-रुक कर फायरिंग होती रही। सुबह 9 बजे हालात कुछ संभले तो हम इंफाल रवाना हुए।
मणिपुर से महिलाओं का वीडियो सामने आने के बाद से पड़ोसी राज्य मिजोरम में भी खतरा मंडरा रहा है। अंडरग्राउंड मिजो नेशनल फ्रंट के मिलिटेंट्स के संगठन पीस अकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज एसोसिएशन (PAMRA) ने एक बयान जारी करके कहा कि मिजोरम में रहने वाले मैतेई लोगों को उनकी सुरक्षा के मद्देनजर राज्य छोड़ देना चाहिए। इस वक्त मिजो समुदाय की भावनाएं आहत हैं।
डर के कारण अब तक मैतेई समुदाय के 568 लोग मिजोरम छोड़कर मणिपुर की राजधानी इंफाल आ गए हैं। इसमें ज्यादातर स्टूडेंट और प्रशासन से जुड़े लोग हैं। हालांकि मिजोरम सरकार ने उन्हें पूरी सुरक्षा देने का आश्वासन दिया। जिसके बाद मणिपुर सरकार ने मैतेई लोगों को चार्टर्ड फ्लाइट से इवेक्युएट कराने का फैसला फिलहाल टाल दिया है
मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है। हालात तब और बिगड़ गए जब 19 जुलाई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो वायरल हुआ। ये घटना 4 मई की थी। वीडियो देख लोगों में आक्रोश और बढ़ गया। पुलिस ने इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया। जिसमें एक नाबालिग है।
इसी दिन एक और घटना घटी थी। दो अन्य लड़कियों का रेप कर हत्या कर दी गई थी। ये घटना कांगपोकपी जिले के कोनुंग ममांग इलाके में हुई थी, यह जगह दूसरे घटनास्थल से 40 किलोमीटर दूर है।
इन घटनाओं को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपना गुस्सा जाहिर किया। वहीं सीएम बीरेन सिंह ने दोषियों को फांसी देने की बात की। उधर 21 जुलाई को मणिपुर के चुराचांदपुर में हजारों लोगों ने काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं महिलाओं ने मशाल निकालकर मार्च किया।