समाजवादी पार्टी जहां एक तरफ यूपी की दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी में जुटी है तो वहीं दूसरी तरफ उसका पूरा फोकस 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव पर भी है. जिसके लिए पार्टी ने अभी से अपनी रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है. पिछले चुनाव में पार्टी को जिन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था, उन सीटों पर अभी से मंथन शुरू हो गया है.
रविवार को लखनऊ स्थित पार्टी दफ़्तर में सपा के गौतमबुद्धनगर के पदाधिकारियों के साथ अखिलेश यादव ने बैठक की. इस बैठक में सपा नेता सुधीर भाटी, कुंडल नादिर, सुधीर तोमर और आश्रय गुप्ता शामिल हुए. इस दौरान कई बड़े फ़ैसले लिए गए हैं. अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि जिन सीटों पर सपा चुनाव हारी थी वहां पर एक साल पहले से ही उम्मीदवारों को घोषित किया जाएगा. ताकि वो अपने क्षेत्र में समय रहते तैयारी में जुट सके.
सपा एक साल पहले ही हारी हुई सीटों पर प्रत्याशी घोषित करेगी, इसके साथ ही बहुमंज़िला इमारतों और आवासीय सेक्टरों में भी सपा के संगठन पर काम होगा. पार्टी इकाई के स्थानीय अध्यक्ष की नियुक्ति होगी. हर बहुमंजिला इमारत या सेक्टर को एक ईकाई मानते हुए पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी. ताकि इन जगहों पर भी पार्टी के संगठन को मजबूर किया जा सके.
गौतमबुद्धनगर की बात करें तो इसमें तीन विधानसभा नोएडा, जेवर और दादरी आती हैं. इन तीनों ही सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि सपा की पकड़ अपार्टमेंट और सेक्टरों में नहीं है. अखिलेश यादव ने निर्देश दिया है कि इन जगहों पर भी सपा के पदाधिकारियों को नियुक्ति होगी.
अखिलेश यादव ने कहा कि लोग बीजेपी की नीतियों से परेशान हैं. नौजवानों से लेकर किसान, व्यापारी सभी के मन में सत्ता विरोधी आक्रोश बढ़ रहा है. बेरोजगारी, महंगाई चरम पर पहुँच गई है. किसान और गरीब की मदद होनी चाहिए. पार्टी के सेक्टर से लेकर बूथ स्तर लगातार कार्यकर्ता बनाने हैं.