वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के शुक्रवार को बजट पेश करने के बाद शनिवार से ही चीजों के महंगा होने का सिलसिला शुरु हो गया. महंगाई की सबसे पहली मार पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ी. जब शनिवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में करीब ढाई रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी हो गई. उसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोगों को सफाई देना शुरु कर दी और उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझने की नसीहत दी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के आर्थिक विकास और आम आदमी के लिए बुनियादी सुविधायें खड़ी करने के लिए संसाधन जुटाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि विदेशों से सोने और पेट्रोलियम पदार्थों के आयात में अहम विदेशी मुद्रा खर्च होती है. देश में राजमार्गों, हवाईअड्डों, रेल परियोजनाओं, अस्पतालों और सार्वजनिक परिवहन पर बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कई वस्तुओं पर जीएसटी में छूट देकर भी सरकार ने उपभोक्ताओं को करोड़ों रुपए का लाभ दिया है. गौरतलब है कि शुक्रवार को पेश हुए बजट में पेट्रोल-डीजल पर सेस लगा दिया गया. उसके बाद अगले ही दिन पेट्रोल-डीजल के दामों में 2.50 पैसे प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है. देश में कर आधार बढ़ाने की जरूरत है. सरकार आपको सुविधायें उपलब्ध करा रही है, छोटा सा हिस्सा आप से ले रही है. बता दें कि इस साल के बजट में 2-5 करोड़ रुपये के बीच सालाना कमाई करने वालों पर 25 प्रतिशत की दर से और 5 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने वालों पर 37 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त टैक्स लगाया गया है.
वहीं कीमती धातुओं जैसे सोने पर आयात शुल्क 10 से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि देश की खानों में इतना सोना नहीं निकलता है जितना देश में सोने की मांग है. भारत में सोने को रखना शुभ माना जाता है, लेकिन इसके आयात में कीमती विदेशी मुद्रा खर्च होती है, इसलिये कर के रूप में आप देश को भी थोड़ा दे सकते हैं.