स्पेस-X के क्रू-6 मिशन की कल यानी गुरुवार को सफल लॉन्चिंग हुई थी। जिसके बाद एक तकनीकी गड़बड़ी की वजह से स्पेस-X के कैप्सूल को स्पेस स्टेशन की ओर्बिटिंग लैब से 65 फीट की दूरी पर 23 मिनट तक इंतजार करना पड़ा था। हालांकि लॉन्च के 25 घंटों के बाद शुक्रवार सुबह 1:40 पर एस्ट्रोनॉट्स ने स्पेस स्टेशन में एंट्री कर ली।
स्पेसक्राफ्ट के स्पेस स्टेशन से डॉक होने यानी जुड़ने के बाद सभी एस्ट्रोनॉट अपने कैप्सूल से निकले। जिसके बाद पहले से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद एस्ट्रोनॉट्स ने उनका गले लगाकर और फोटोज खींच कर स्वागत किया। स्पेस-X ने इसका एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें अंतरिक्ष यात्री एक दूसरे को गले लगाते हुए दिख रहे हैं।
दरअसल,अंतरिक्ष यात्रियों के एयरक्राफ्ट को स्पेस स्टेशन से जुड़ने के लिए 12 हुक्स को कनेक्ट करना होता है। इनमें से एक हुक का स्विच खराब हो गया था। जिसके बाद तुरंत उसे सुधारा लिया गया। स्विच खराब होने की जानकारी मिलने पर स्पेस-X ने क्रू मेंबर्स से धैर्य रखने की अपील थी। उन्हें बताया गया था कि वो 2 घंटों तक बिना परेशानी के उस स्थिति में रह सकते हैं।
4 क्रू मेंबर्स के साथ स्पेस-X के फॉल्कन-9 रॉकेट (ड्रैगन एंडेवर) ने अमेरिका में फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर नंबर 39A से गुरुवार देर रात 1:45 बजे (भारतीय समयानुसार गुरूवार दोपहर को करीब 12:15 बजे) उड़ान भरी थी।
स्पेस-X का फॉल्कन-9 रॉकेट चार अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचा है। यह एलन मस्क के स्पेस-X की छठीं ऑपरेशनल क्रू फ्लाइट है। इसमें नासा के 2, रूस के 1 और UAE का एक अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं।
एस्ट्रोनॉट्स का ये क्रू 6 महीने तक ISS पर रहेगा। यहां चारों एस्ट्रोनॉट्स हार्ट मसल टिशू, माइक्रोग्रैविटी में ह्यूमन सेल और टिशू को प्रिंट करने में सक्षम बायोप्रिंटर की टेस्टिंग करेगा। साथ रही ड्रग मैन्यूफैक्चरिंग तकनीक पर रिसर्च भी करेगा।
क्रू-6 मिशन के 4 यात्रियों में नासा के अंतरिक्ष यात्री स्टीफन बोवेन और वॉरेन वुडी होबर्ग शामिल हैं। वहीं, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अंतरिक्ष यात्री सुल्तान अल्नेयादी और रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के कॉस्मोनॉट एंड्री फेडेएव भी हैं।