सपा ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए यूपी में तीसरी लिस्ट जारी कर दी है। इसमें 6 नाम हैं, जबकि सीटें 7 हैं। भदोही सीट TMC को दी है। TMC ने यहां से ललितेश त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं सपा ने नगीना से मनोज कुमार और अलीगढ़ बिजेंद्र सिंह को उतारा है। जबकि हाथरस से जसवीर वाल्मीकि और लालगंज से दरोगा सरोज को प्रत्याशी बनाया है।
इसके अलावा मेरठ से सुप्रीम कोर्ट के वकील भानु प्रताप सिंह को उतारा है। तीसरी लिस्ट में हाथरस को छोड़कर 2019 में गठबंधन के तहत बसपा को दी गईं सीटों पर सपा ने उम्मीदवार उतारे हैं। 30 जनवरी को सपा ने 16 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। इसमें डिंपल यादव और अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव के नाम का ऐलान किया गया था।
दूसरी लिस्ट 19 फरवरी को 11 उम्मीदवारों की जारी हुई थी। इनमें सपा ने 26 हारी हुई सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए थे। दोनों लिस्ट में पुराने चेहरे हैं। पहली लिस्ट में शामिल संभल सीट के उम्मीदवार शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हो गया। बदायूं सीट पर धर्मेंद्र यादव की जगह शिवपाल यादव को उम्मीदवार बनाया गया है।
7 लोकसभा सीटों में से 3 रिजर्व
सपा की ओर से घोषित 7 सीटों में से 3 आरक्षित हैं। लालगंज, हाथरस और नगीना अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। जबकि मेरठ, भदोही , अलीगढ़ और बिजनौर अनारक्षित सीटें हैं। इन 7 में 2 सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशी उतारे हैं। नगीना से ओम कुमार और लालगंज से नीलम सोनकर को प्रत्याशी बनाया है।
1- मेरठ-दक्षिण : भानु प्रताप सिंह… EVM के खिलाफ लड़ रहे हैं लड़ाई
भानु प्रताप सिंह सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं। सपा ने उन्हें मेरठ-दक्षिण लोकसभा सीट पर प्रत्याशी बनाया है। वह EVM के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके साथ ही वो भारतीय सर्वोच्च न्यायालय संघ के भी अध्यक्ष हैं। इन्हें प्रत्याशी बनाने की पीछे की वजह है कि मेरठ में सपा में नेताओं में अंदरूनी कलह चल रही थी, जिसकी शिकायतें लगातार मिल रही थीं।
जिसके चते सपा नए चेहरे की तलाश में थी। इसलिए सपा ने पीडीए को मजबूत करते हुए यहां दलित चेहरा उतारा है।
2- बिजनौर : यशवीर सिंह…सपा से सांसद रह चुके हैं
यशवीर सिंह पेश से इंजीनियर हैं। ये 2009 में सपा के टिकट पर नगीना सीट से सांसद बने थे। 2014 में वह बीजेपी के डॉक्टर यशवंत सिंह से चुनाव हार गए थे। 2019 के चुनाव में यशवीर सिंह कुछ दिन के लिए भाजपा में चले गए थे। मगर बाद में वह सपा में आ गए थे। अब सपा ने उन्हें बिजनौर लोकसभा से प्रत्याशी बनाया है।
3- नगीना : मनोज कुमार जज थे…पॉलिटिक्स में आने के लिए VRS लिया
मनोज कुमार बिजनौर में ही अपर जिला जज थे। पॉलिटिक्स में आने के लिए उन्होंने कुछ दिनों पहले ही VRS लिया। इसके बाद उन्होंने सपा से चुनाव लड़ने का मन बनाया। अब सपा ने उन्हें नगीना सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया है।
4- लालगंज : दरोगा प्रसाद…बेबाक बयान के लिए जाने जाते हैं
दरोगा सरोज को 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने मेंहनगर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गए थे।
2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा के सिंबल पर लालगंज विधानसभा से लड़ा था। लेकिन, सपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें मनाया। तब से वो सपा में सक्रिय हैं। आजमगढ़ की सुरक्षित सीट लालगंज से उम्मीदवार बनाए गए हैं।
5- हाथरस : जसवीर वाल्मीकि…काफी समय से हाथरस में एक्टिव हैं
जसवीर वाल्मीकि देवबंद सहारनपुर के रहने वाले हैं। काफी लंबे समय से सपा से जुड़े हैं। लगातार हाथरस में एक्टिव रहे हैं। अटकलें लगाई जा रही थीं कि इन्हें लोकसभा का टिकट दिया जा सकता है। अब इस पर मुहर लग गई है। इस बार सपा ने हाथरस से प्रत्याशी बनाया है।
6- अलीगढ़ : बिजेंद्र सिंह…कांग्रेस से सांसद रह चुके हैं
पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह अलीगढ़ से 3 बार विधायक और 1 बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। मूल रूप से इगलास विधानसभा में गोंडा ब्लाक के गांव टोंड के रहने वाले हैं। बिजेंद्र सिंह की पढ़ाई अलीगढ़ के डीएस कालेज से हुई है।
कांग्रेस की टिकट पर पहली बाद चौ. बिजेंद्र ने जाट बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र इगलास से चुनाव लड़ा था। कद्दावर नेता चौ. राजेंद्र सिंह को हराकर विधायक बने थे।1993 में वह लगातार दूसरी बार इगलास से विधायक बने।
1996 के विधानसभा चुनाव में वह हार गए और 2002 में तीसरी बार विधायक बने। 2004 में विधायक रहते हुए वह कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा लड़े और पहली बार सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे। इसके बाद लगातार उन्हें 3 बार हार का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस ने उन्हें 2009, 2014 और 2019 में अलीगढ़ से प्रत्याशी बनाया। तीनों ही बार उन्हें दूसरे हार का सामना करना पड़ा। 2019 में हार के बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। अब समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर उनके ऊपर भरोसा जताया है।
7- भदोही: ललितेश त्रिपाठी…पूर्व सीएम कमलापति त्रिपाठी के परिवार से आते हैं
इंडी गठबंधन के तहत सपा ने भदोही सीट TMC को दी। इसके बाद TMC यहां से ललितेश त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया है। ललितेश पूर्व सीएम कमलापति त्रिपाठी के परिवार से आते हैं और मिर्जापुर की मड़िहान विस सीट से 2012 में विधायक रह चुके हैं।
भदोही में ब्राह्मण वोटर्स की संख्या सबसे ज्यादा है। यहां 3 लाख 15 हजार ब्राह्मण हैं। यहां के बाहुबली नेता रहे विजय मिश्रा को जिले के ब्राह्मण अपना नेता मानते हैं। मगर विजय के जेल जाने के बाद ब्राह्मणों को एक बड़े चेहरे की तलाश थी।