सोनिया देंगी इस्‍तीफा या करेंगी पार्टी नेतृत्व, संसदीय बोर्ड के गठन समेत इन मुद्दों पर फैसला संभव

राजनीतिक मोर्चे पर लगातार पटखनी और कई मुद्दों पर रह रहकर उठ रहे तीखे मतभेद और मनभेद के बाद आखिरकार कांग्रेस उस मुहाने पर आकर खड़ी हो गई है जहां या तो फैसला लेना होगा या फिर फजीहत झेलनी होगी। सोमवार को होने वाली कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) बैठक से पहले पार्टी के दो दर्जन वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आने वाले तूफान का इशारा कर दिया है। ऐसे में यह तय है कि सोमवार की बैठक तूफानी होगी। आज की बैठक में देखना यह होगा कि क्‍या सोनिया गांधी पद से इस्‍तीफा देती हैं या कांग्रेस कोई नया रास्‍ता अख्तियार करती है।

मौजूदा वक्‍त में कांग्रेस दो खेमों में बंटती नजर आ रही है। चिट्ठी लिखने वाले नेताओं ने कहा है कि अब बहुत देर हो गई है, या तो पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष जिम्मेदारी ले या फिर इसके लिए चुनाव हो जाए। वहीं वरिष्ठ नेताओं से कई बार सीधी जंग करते रहे राहुल गाधी कैंप के नेताओं ने भी यह मांग फिर से तेज कर दी है कि राहुल को अध्यक्ष बनाया जाए। कल होने वाली बैठक में दोनों कैंप अपने तीखे तेवर में नजर आएंगे और संभव है कि आगे की राह भी तैयार हो जाए जिसमें अध्यक्ष पद के लिए चुनाव, संगठन में बदलाव, नीति तय करने के लिए संसदीय बोर्ड के गठन जैसे सभी मुद्दों पर फैसला होगा।

संभवत: लंबे अरसे बाद कांग्रेस में गांधी नेहरू परिवार से बाहर का अध्यक्ष बनने की राह भी तैयार हो सकती है। यूं तो कांग्रेस के अंदर का घमासान लंबे अरसे से चल रहा है, अब यह विद्रोह के मुहाने पर है। वरिष्ठ नेताओं ने पत्र लिखकर कहा है कि कांग्रेस का जीवंत रहना राष्ट्रीय हित के लिए जरूरी है लेकिन आज के दिन कांग्रेस के अंदर कोई सक्रियता नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं है और भविष्य को लेकर भी अनिश्चितता है। प्रदेश संगठन में सभी स्तर पर चुनाव नहीं हो रहे हैं। संसदीय दल की बैठक अध्यक्ष के भाषण तक सिमट गई है। वहां कोई चर्चा और मशविरा नहीं होता है, सीडब्ल्यूसी की बैठक तात्कालिक मुद्दों तक सीमित है।

राहुल से भी जुड़ रही नेताओं की यह मांग

सीडब्ल्यूसी भाजपा के खिलाफ जनमानस को दिशा देने और सक्रिय करने में असफल हो रहा है। ऐसा माहौल बन गया है कि कांग्रेस का विस्तार नहीं हो रहा है। पिछले चुनावों में यूथ ब्रिगेड पूरी तरह भाजपा में चला गया। एक-एक कर कांग्रेस कई राज्यों में बिखरती चली गई और आज भी संवाद और भरोसे के अभाव के कारण राज्यों में कांग्रेस पर संकट की छाया होती है। वरिष्ठ नेताओं ने संसदीय बोर्ड के फिर से गठन की भी मांग की है जो विभिन्न मुद्दों पर पार्टी की नीति और दिशा तय करे। ध्यान रहे कि यह मांग भी कहीं न कहीं राहुल से जुड़ती है। दरअसल पिछले वर्षों में ऐसे कई मौके आए जब राहुल ने पार्टी को भरोसा में लिए बगैर अपनी सार्वजनिक राय रखी और वह पार्टी की राय मानी गई। हालांकि बाद में उसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा।

इशारों में राहुल पर निशाना

वरिष्ठ नेताओं की तरफ से सोनिया को लिखे गए पत्र में यूं तो सीधे तौर पर राहुल गांधी के खिलाफ कुछ नहीं कहा गया है लेकिन युवा कांग्रेस में खेमेबाजी का इजहार करते हुए असहमति जरूर जताई गई है। पत्र में सोनिया गांधी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए यह भी कहा गया है कि ‘गांधी नेहरू परिवार हमेशा कांग्रेस के सामूहिक नेतृत्व का अहम हिस्सा होंगे।’

सोनिया गांधी को पत्र लिखने वालों में कई सांसद और पूर्व मंत्री शामिल हैं। इनमें पूर्व मंत्री व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, पूर्व मंत्री आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, वीरप्पा मोइली, शशि थरूर, राज बब्बर, पूर्व दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर, रेणुका चौधरी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पंजाब की पूर्व सीएम राजिंदर सिंह भट्टल, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा, पीजे कुरियन, अखिलेश सिंह जैसे वरिष्ठ सदस्य भी शामिल हैं। अजय सिंह, मुकुल वासनिक, मनीष तिवारी और पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद व संदीप दीक्षित के नाम भी पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में बताए जाते हैं। पत्र लिखने वालों में हरियाणा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा और दिल्ली के पूर्व स्पीकर योगानंद शास्त्री भी शामिल हैं।

कांग्रेस नेतृत्व का मुद्दा बहुत नाजुक है। सोनिया गांधी कई बार पार्टी से नेतृत्व चुनने को कह चुकी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सोमवार की बैठक में वह पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर सकती हैं। ऐसी स्थिति में यह भी संभव है कि वरिष्ठ नेताओं की ओर से ही यह कहा जा सकता है कि वही पूर्णकालिक अध्यक्ष बन जाएं। कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि सोनिया गांधी कल अपना इस्‍तीफा दे सकती है। हालांकि देर शाम को कांग्रेस ने इन अटकलों को खारिज कर दिया। कांग्रेस के आधिकारिक प्रवक्‍ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की खबरें झूठी हैं। वैसे जो भी सबकी नजरें कल होने वाली कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) बैठक पर ट‍िक गई हैं।