जिंदगी के कुछ अनमोल लम्हे हमारे साथ शेयर कर रहे अभिषेक कुमार
उन्होंने कहा जिंदगी के कुछ लम्हें ऐसे भी गुजरे जब हम दोनों एक साथ रहे साथ पढ़े साथ रहे और कभी कभी थोड़ी-बहुत नोकझोंक भी हो जाती थी लेकिन उसने मुझे कभी अलग नहीं समझा अपनो की तरह ही मुझे प्यार दिया हम दोनों के साथ काटे वह दिन आज भी याद आते हैं और जैसे ही कभी वहां मेरा जाना होता है तो सबसे ज्यादा मुझे याद आते है मेरे एक बुजुर्ग मित्र की जो अब इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं फिर भी वहा जाने पर उतना ही प्यार अब भी मिलता है जो पहले मिलता था, भगवान करे आप चिराग बनकर हर समय अपने घर को रोशन करते रहे।
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Written by Abhishek kumar