इजराइली सेना लगातार गाजा के अस्पतालों पर हमले कर रही है। पिछले हफ्ते इजराइली सेना ने कमल अदवान अस्पताल में हमले किए थे। यहां के स्टाफ और पेशेंट्स ने बताया कि सैनिकों ने बुल्डोजर से फिलिस्तीनियों के शव हटाए। आतंकी होने के शक में कई डॉक्टरों पर गोली चलाई।
एक स्टाफ ने कहा- व्हीलचेयर पर एक बीमार पेशेंट बैठा था। सेना का कुत्ता उसे नोचता रहा लेकिन सैनिकों ने कुत्ते को ऐसा करने से नहीं रोका। सेना ने इस अस्पताल में 8 दिन ऑपरेशन चलाया।
अस्पताल के बाल चिकित्सा सेवा प्रमुख होसाम अबू सफिया ने कहा- सैनिकों ने कब्रें खोदीं और शवों को बुलडोजर से घसीटा, फिर इन्हें बुलडोजर से कुचल दिया। इसके पहले इजराइली टैंकों ने कब्रिस्तान में कब्रों को रौंदा था। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइली टैंकों ने शाजाये शहर के ट्यूनीशियाई कब्रिस्तान, जबलिया के अल-फलूजा कब्रिस्तान समेत 6 कब्रिस्तानों को तबाह कर दिया।
इजराइली सेना ने हमास और इस्लामिक जिहाद से जुड़े करीब 200 फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया है।, इन हमास और इस्लामिक जिहाद के इन मेंबर्स को पिछले 7 दिनों में अरेस्ट किया गया है।वहीं, इजराइल का कहना है कि 7 अक्टूबर को शुरू हुई इजराइल हमास जंग में दोनों आतंकी संगठनों से जुड़े अब तक 700 से ज्यादा मेंबर्स गिरफ्तार हुए हैं। इनमें से कई मेंबर्स ने सरेंडर किया है। ये आम लोगों के बीच छिपे हुए थे।
नॉर्थ इजराइल के कई शहरों में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सड़कों जलमग्न हो गई हैं। कई जगह वॉटर लॉगिंग की समस्या हो रही है।
गाजा में मदद पहुंचाने से जुड़ा एक प्रस्ताव पास हो गया है। दरअसल गाजा में मानवीय संकट बढ़ रहा है। लोगों के पास खाना, पानी और अन्य जरूरत का सामान नहीं है। यहां पर्याप्त मात्रा में मदद पहुंचाने के लिए UN में प्रस्ताव दिया गया था, जो पास हो गया। अमेरिका और रूस ने इस प्रस्ताव पर वोट नहीं किया। अमेरिका ने कुछ दिन पहले UN में गाजा में सीजफायर के लिए पेश किए गए प्रस्ताव के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया था। इस वजह से सीजफायर का प्रस्ताव पास नहीं हुआ था।
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।