मुंबई : आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए बेहद सख्त कदम उठाने के लिए यही तैयारी रही तो सरकार को इसके लिए बेसक आगे जाना चाहिए। कश्मीर का मुद्दा अब चर्चा या संवाद से खत्म होगा इस भ्रम से बाहर निकलना होगा। कश्मीर का मुद्दा अब सैनिक कार्रवाई से खत्म होगी और वह समय अब आ गया है । गृहमंत्री अमित शाह ऐसी कार्रवाई की तैयारी करती रही तो देश उनके साथ पूरी मुस्तैदी से खड़ी रहेगी। यह विश्वसा सामना के संपादकीय में शिवसेना ने जताया है।
15 अगस्त को कश्मीर में तिरंगा फहराना है
सामना में लिखा है कि स्वतंत्रता दिवस की सुबह 15 अगस्त को कश्मीर के गांव गांव में हरा झंडा उतार कर वहां पर तिरंगा फहराना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से कश्मीर को लेकर क्या घोषणा करते है। 35ए हटाते कि 370 को खत्म कर सही अर्थो में हिंदुस्तान के नक्से पर लाते है । इन विषयों को लेकर उत्सुकता है. अमारनाथ यात्रा खत्म करना आलोचना का विषय है. लेकिन कभी कभी चार कदम आगे बढ़ाने के लिए एक कदम पीछे लेना पड़ता है । कश्मीर का क्या होगा वह मोदी और शाह ही बता सकते है।
सामना संपादकीय की मुख्य बातें
* आतंकवादी हमले के डर से मोदी सरकार ने अमरनाथ यात्रा को बीच में ही रोक दिया। यात्रा के लिए गए हज़ारों हिन्दू यात्री को वापस आने का आदेश सरकार की तरफ से दिया गया।
* पिछले 25 वर्षों के इतिहास में ऐसा कहा जाता है कि जब जब गृहमंत्री कश्मीर गए वस वक़्त आतंकवादी व अलगॉववादियों ने बंद बुलाकर गृहमंत्री का स्वागत किया।
* शाह के आगमन के वक़्त उसी तरह करने का शक था लेकिन अब आतंकवादियों के डर से अमरनाथ यात्रा खत्म करने का वक़्त क्यों आया?
* यात्रा के मार्ग में आतंकवादियों की छावनी का पता चला । कुछ आतंकवादी पकडे गए. उनसे बड़ी मात्रा में गोला बारूद बरामद किया गया । इसका मतलब है कि यह आतंकवादी अमरनाथ यात्रियों पर हमला करने वाले थे।
* मेहबूबा मुफ़्ती ने धमकी दी है कि 35ए कलम पर हाथ लगाने से वह हाथ जल जाएगा। कश्मीर की जनता को बलिदान के लिए तैयार रहने को कहा है । इस तरह की भाषा बोलकर देश को चुनौती दी है । गृहमंत्री इसे बर्दास्त नहीं करे, यह आतंकवाद की भाषा है।