बिहार के छपरा में जहरीली शराब कांड में अब नया खुलासा हुआ है। यहां थाने में जब्त स्प्रिट के कंटेनर से बड़ी मात्रा में स्प्रिट गायब है। शक है कि इसी से यह जहरीली शराब बनी थी, जिसे पीकर मौतें हुईं। यह कहीं और से नहीं बल्कि थाने से सप्लाई की गई थी। इस बात का सबूत के तौर पर ग्रामीणों ने वीडियो बनाकर एक्साइज डिपार्टमेंट के मुख्य सचिव केके पाठक को भेजा है।
शिकायत के बाद मुख्य सचिव हरकत में आए और जांच के लिए ज्वाइंट कमिश्नर कृष्णा पासवान और डिप्टी सेक्रेटरी निरंजन कुमार को भेजा। उन्होंने देखा तो जब्त स्प्रिट के ड्रम खुले थे। स्प्रिट गायब थी। अब सैंपल पटना भेजा गया है। जिन लोगों ने शिकायत की है उन्होंने कहा है कि वहीं से चौकीदार और पुलिस की मदद से थाने से स्प्रिट की सप्लाई धंधेबाजों को की गई। कई कंटेनर के ढक्कन गायब हैं।
शराब से मौतों का आंकड़ा 53 हो गया। पहले दिन मंगलवार को 5 मौतें हुई थीं। इसके बाद बुधवार को 25 और गुरुवार को 19 लोगों की जान गई। शुक्रवार सुबह तक 4 और लोगों को जहरीली शराब निगल गई। सबसे ज्यादा मौतें छपरा के मशरख, अमनौर और मढ़ौरा इलाकों में हुई हैं। ये लोग निजी क्लीनिकों में या घर पर इलाज करा रहे थे। मरने वालों में तीन ऐसे लोग हैं जो खुद ही शराब बेच रहे थे। दूसरी तरफ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मशरख के थानेदार और चौकीदार को सस्पेंड कर दिया है जबकि डीम ने मढौरा के एसडीपीओ को ट्रांसफर करने और विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा विभाग से की है।
एक्साइज डिपार्टमेंट की 7 टीमें छापेमारी कर रही हैं। मशरख के अलग-अलग इलाके से 600 लीटर अवैध शराब बरामद हुई है। अब तक 48 घंटे में 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उधर, CM नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा था कि जहरीली शराब से शुरू से लोग मरते हैं। सबको अलर्ट रहना चाहिए, क्योंकि जब शराब बंदी है तो खराब शराब मिलेगी ही। जो शराब पियेगा वो मरेगा।
छपरा में बड़ी संख्या में शराब से मौत के बाद भी अवैध रूप से देसी शराब बेचने का धंधा जारी है। गुरुवार को भास्कर टीम ने पूर्णिया के दो प्रखंडों कसबा और जलालगढ़ में स्टिंग किया तो पता चला कि जलालगढ़ में थाने से 200 मीटर की दूरी पर खुलेआम शराब बिकती दिखी। यहां 90 रुपए बोतल शराब मिल रही थी।