ईरान में हिजाब के बाद अब इस्लामिक शासन के खिलाफ विरोध का दौर शुरू हो गया है। लोगों ने सरकार द्वारा किए जा रहे दमन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिया है। लोग सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खुमैनी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी जाहेदान में ‘तानाशाह को मौत, खुमैनी को मौत’ के नारे लगाए गए।
लोगों की मांग है कि खुमैनी को मौत की सजा दी जाए। साथ ही महिला प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमें ऐसी सरकार नहीं चाहिए, जो बच्चों का कत्लेआम करती हो। शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोग सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए प्रदर्शनकारियों के 40 दिन पूरे होने पर उनकी कब्रों पर भी जमा हुए।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब ये लड़ाई सिर्फ हिजाब की अनिवार्यता खत्म करने की नहीं है, बल्कि इस्लामिक शासन को ही खत्म करने की है। हम महिलाओं के लिए पूर्ण और लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग कर रहे हैं। जब तक अधिकार नहीं मिल जाते, हम सड़कों पर विरोध करते रहेंगे।
ईरान में 22 साल के मोहम्मद गोबाद्लू को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। उसने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे प्रताड़ित किया गया। कोर्ट में उसे बचाव के लिए वकील उपलब्ध कराए बगैर जज ने मौत की सजा सुना दी। मानवाधिकार समूहों का दावा है कि अब तक 100 प्रदर्शनकारियों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है।