कोरोना महामारी के बीच चुनावों का आयोजन एक मुश्किल काम है। इसे लेकर चुनाव आयोग की ओर से लोकसभा व विधानसभा चुनावों को लेकर एहतियात बरता जा रहा है। आयोग ने जिन 16 राज्यों में लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव होने हैं उनसे महामारी को देखते हुए चुनाव प्रक्रिया के आयोजन को लेकर विस्तार से जवाब मांगा था। जिसके बाद कम से कम छह राज्यों की ओर से चुनाव आयोग को लिखित में कोरोना काल में चुनाव प्रक्रिया के समय और तरीके के बारे में अपना जवाब भेज दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि आयोग को शुक्रवार शाम तक कम से कम छह राज्यों से प्रतिक्रिया मिली और अन्य राज्यों से अनुरोध शनिवार तक आने की उम्मीद है।
सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी के प्रसार से बचने के लिए लगाए जाने वाले प्रतिबंधों और उपचुनावों के समय पर अब तक की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग रही हैं। बुधवार को, चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने राज्य सरकारों से कहा था कि वे चुनाव के समय और तरीके पर अपनी प्रतिक्रिया लिखित में भेजें।चुनाव आयोग ने राज्यों से कोरोना महामारी, बाढ़, कानून व्यवस्था की स्थिति और आगामी त्योहारों की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी थी।
लोकसभा की तीन सीटों दादर और नगर हवेली व दमन और दीव, मध्य प्रदेश की खंडवा और हिमाचल प्रदेश में मंडी में उपचुनाव होने हैं। जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें बंगाल की सात, उत्तर प्रदेश की चार और हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और असम की तीन-तीन सीटें शामिल हैं। बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस जल्द से जल्द उपचुनाव कराने की इच्छुक है। विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से हारने वाली मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी को पद पर बने रहने के लिए पांच नवंबर तक राज्य विधानसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने की जरूरत है।