राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का उत्तर प्रदेश में नया रूट मैप तैयार किया गया है। 16 से 22 फरवरी तक उत्तर प्रदेश में 6 दिनों तक राहुल गांधी की यात्रा रहेगी। यात्रा 13 जिलों से होते हुए 20 लोकसभा को कर करेगी। 16 फरवरी को पूर्वांचल से चंदौली से उत्तर प्रदेश में एंट्री करेगी और पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ के संसदीय क्षेत्र से होते हुए झांसी से मध्य प्रदेश जाएगी। अमेठी-रायबरेली के जिले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की यात्रा में शामिल होंगे। वहीं दूसरी तरफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी के एनडीए गठबंधन में शामिल होने की वजह से यात्रा पूरी तरीके से पूर्वांचल से अवध और बुंदेलखंड पर केंद्रित कर दी गई है।
छह दिन 13 जिले और 21 लोक सभा सीट: कांग्रेस की तरफ से जारी किए गए भारत जोड़ो न्याय यात्रा के नए रूट मैप में छह दिन का समय दिया गया है। यूपी की 13 जिलों में चंदौली, वाराणसी, भदोही, प्रयागराज, प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, कानपुर देहात, जालौन और झांसी जिला शामिल है। प्रदेश की 13 जिलों की किस लोकसभा से होकर यह यात्रा निकलेगी।
यात्रा के दौरान 20 लोक सभा पड़ेगी; उत्तर प्रदेश की चंदौली, वाराणसी, भदोही, मछलीशहर, मिर्जापुर, प्रयागराज, फूलपुर, प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर, फतेहपुर, मोहनलालगंज, लखनऊ, उन्नाव, मिश्रिख, कानपुर, अकबरपुर, हमीरपुर, जालौन, झांसी लोक सभा से होकर जाएगी।
अमेठी-रायबरेली में अखिलेश होंगे शामिल: राहुल गांधी की भारत जोड़ो ने यात्रा में शामिल होने को लेकर अखिलेश यादव ने पत्र लिखकर धन्यवाद भी कहा है। अखिलेश यादव ने कहा जब यात्रा अमेठी और रायबरेली में रहेगी तब वह शामिल होंगे। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का कहना है कि अखिलेश उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल के नेता हैं उनका यात्रा में स्वागत है उन्होंने यात्रा के निमंत्रण को स्वीकार किया इसके लिए धन्यवाद जो भी भारत में न्याय के लिए लड़ाई लड़ेगा वह यात्रा में शामिल हो रहा है और शामिल होगा।
कांग्रेस के जानकार का कहना है कि यात्रा के रूट मैप में समय काम किया गया जिसकी वजह से अयोध्या या कहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नहीं जाएंगे। वैसे तो अयोध्या और पश्चिमी उत्तर प्रदेश न जाने के पीछे की कोई खास वजह नहीं है, सिर्फ समय का अभाव बताया जा रहा है। क्योंकि यात्रा 10 मार्च तक समाप्त होनी है। इसलिए उत्तर प्रदेश में 11 दिनों से समय कम करके 6 दिन तय किए गए हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में पहले चरण की भारत जोड़ो यात्रा में कवर किए गए थे इसलिए इस बार रूट मैप भी बदल दिया गया है। लेकिन कांग्रेस के सूत्र यह बताते हैं कि अचानक से इंडिया गठबंधन से दूरी बनाकर एनडीए गठबंधन में शामिल होने वाले आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यात्रा का रूट मैप नहीं रखा गया। सूत्रों का यह भी कहना है क्योंकि उत्तर प्रदेश के इंडिया गठबंधन में आरएलडी का प्रमुख भूमिका रही। लेकिन उनका इंडिया गठबंधन से दूरी बनाना और एनडीए गठबंधन में शामिल होना कांग्रेस और सपा दोनों के लिए नुकसान उठाने वाला है
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी की यात्रा में खास जिले और लोकसभा सीटों को चिन्हित किया गया है। पूर्वांचल में प्रधानमंत्री के संसदीय सीट आती है और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय वहां से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। प्रधानमंत्री की संसदीय सीट आने की वजह से वाराणसी में राहुल गांधी की यात्रा को कांग्रेसी ले जाना सफल बता रहे हैं। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अंशु अवस्थी का कहना है कि जिस तरीके से राहुल गांधी की यात्रा का समर्थन और लोगों का सहयोग मिल रहा है उसे बीजेपी घबराई हुई है। प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र हो या रक्षा मंत्री का संसदीय क्षेत्र हो यात्रा का मुख्य उद्देश्य सिर्फ इतना है कि किस तरीके से भाजपा द्वारा उत्तर प्रदेश ही नहीं देश में लोगों को ठगा जा रहा है। यह बताने के लिए राहुल गांधी यात्रा में न्याय मांगने का काम कर रहे हैं।
साल 2009 के लोकसभा चुनाव में अकबरपुर, अमेठी, रायबरेली, बहराइच, बाराबंकी, बरेली, धौरहरा, डुमरियागंज, फैजाबाद, फर्रुखाबाद, गोंडा, झांसी, कानपुर, खीरी, कुशीनगर, महाराजगंज, मुरादाबाद, प्रतापगढ़, श्रावस्ती, सुल्तानपुर और उन्नाव सहित कुल 21 लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस को कुल 18.3 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे। प्रदेश में बसपा को सबसे अधिक 27.4 मत प्रतिशत के साथ में 20 सीट, सपा को 23.3 प्रतिशत मत के साथ में सबसे अधिक 23 सीट व भाजपा को 17.5 प्रतिशत मत के साथ में 10 सीट मिली थी।