सीतापुर : आज 14 सितम्बर को राजकीय महाविद्यालय कुचलाई के सभागार में हिन्दी दिवस समारोह का भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ ।समारोह का शुभारम्भ करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर शाहला नुसरत किदवई मैम ने हिन्दी को वैश्विक स्तर पर समर्थ भाषा बताया । उन्होंने कहा कि हिन्दी ज्ञान-विज्ञान, व्यापार, मनोरंजन आदि सभी दृष्टियों से अपने को स्थापित और प्रमाणित करते हुए विश्व-भाषा के रूप में प्रतिष्ठित हो रही है । एक स्वतंत्र राष्ट्र के लिए जिस प्रकार अपना राष्ट्रगान, अपना राष्ट्रध्वज, अपना राष्ट्रीय प्रतीक अनिवार्य है उसी प्रकार अपनी राष्ट्रभाषा होनी भी अनिवार्य है । भारतीय संविधान में हिन्दी को राजभाषा का दर्जा तो दिया गया है लेकिन इसे राष्ट्रभाषा का दर्जा भी मिलना चाहिए । समारोह की मुख्य वक्ता डॉ नीतू सिंह (असिस्टेंट प्रोफेसर, भौतिकी)ने हिन्दी के विकास को विज्ञान और तकनीकी के सन्दर्भ में विवेचित करते हुए इस आवश्यकता पर बल दिया कि अंग्रेजी में उपलब्ध ज्ञान-विज्ञान की उच्च स्तरीय पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद होने के साथ-साथ ऐसी पुस्तकों का हिन्दी में मौलिक सृजन भी होना चाहिए । डॉ नेहा नागर ने हिन्दी के विकास के मार्ग में हिन्दीभाषी शिक्षित वर्ग की हीनभावना को बड़ी बाधा बताते हुए कहा कि हिन्दी वालों को अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा । डॉ शालिनी सिंह ने जापानी लोगों की अपनी राष्ट्रभाषा के प्रति निष्ठा का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि हमें वास्तव में हिन्दी का विकास करना है तो हमारे मन में हिन्दी से प्रेम होना चाहिए । समारोह में महाविद्यालय के विद्यार्थियों अंजना, गुंजन, मीना देवी, नीतू शुक्ला, आयुषी शुक्ला, अमित कुमार, छाया सिंह,अन्नू देवी, रुचि शुक्ला, सरिता, साधना आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये । इस पर महाविद्यालय के प्राध्यापकों डॉ अजय कुमार सैनी, डॉ गगन कुमार ,डॉ रामआसरे, डॉ नेहा नागर, डॉ अनुराग सिंह, डॉ अनुभूति जैन, डॉ मायाराम आदि की उपस्थिति ने समारोह को भव्यता प्रदान की । समारोह का संचालन डॉ राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी ने किया ।
ज्ञानेंद्र मौर्य जिला चीफ ब्यूरो रिपोर्ट