एकल प्रयोग प्लास्टिक पर देशव्यापी प्रतिबंध के लिए सरकार केंद्रीय कानून नहीं बनाएगी। सरकार को उम्मीद है कि राज्यों के प्रतिबंध और जागरूकता के सहारे इस पर अंकुश लगाया जा सकता है। लोकसभा में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा, अब तक 21 राज्य इसे प्रतिबंधित कर चुके हैं, जबकि अन्य राज्य भी इसी राह पर आगे बढ़ रहे हैं। सांसद उदय नारायण सिंह के कानून के माध्यम से एकल प्रयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने संबंधी सवाल के जवाब में जावड़ेकर ने कहा, पीएम की ओर से इसके खिलाफ चलाई गई मुहिम ने जनांदोलन का रूप लिया है। धीरे-धीरे सभी राज्य एकल प्रयोग प्लास्टिक को प्रतिबंधित कर देंगे। जहां तक केंद्र सरकार का सवाल है इसके खिलाफ जागरूकता जारी रहेगी।
प्रतिदिन 20 हजार टन प्लास्टिक तैयार हो रही
जावड़ेकर ने कहा, एकल प्रयोग प्लास्टिक में सबसे बड़ी समस्या यह है कि देश में प्रतिदिन 20 हजार टन प्लास्टिक तैयार होती है। इसमें 10 हजार टन ही वापस जमा हो पाता है। सरकार धीरे-धीरे रेलवे समेत कई विभागों को प्लास्टिक मुक्त कर रही है। समुद्र तटों पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है। कॉलेज और स्कूल सहित कई संस्थान इस अभियान से जुड़े हैं।
300 उद्योग कर रहे नियमों का उल्लंघन
जावड़ेकर ने कहा, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जांच में पाया कि बीते चार वर्षों में 700 में से 300 उद्योग नियमों का उल्लंघन कर पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे हैं। मंत्री ने बताया कि 181 इकाइयों को बंद करने का नोटिस भेजा गया है, जबकि 59 इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।