यूपी के 4 हजार मदरसों में नेपाल, बांग्लादेश और खाड़ी देशों से फंडिंग के संकेत मिलने के बाद शासन एक्शन के मूड में आ गई है। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने नेपाल से सटे यूपी के 9 जिलों के मदरसों की जांच के लिए टीमें गठित कर दी हैं। जो कि 13 जुलाई तक रिपोर्ट देंगे।
जिले में जांच के लिए बनाई गई टीम
विशेष सचिव आनंद कुमार सिंह व मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार जगमोहन ने बताया कि जिलों में टीमें बना दी गई हैं। जो कि जांच के बाद अपनी रिपोर्ट 13 जुलाई तक सौंपेगी। जबकि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक जे रीवा व संयुक्त निदेशक आरपी सिंह भी जांच के लिए जिलों में जाएंगे। वहीं टीम ने महराजगंज का दौरा कर लिया है।
14 और 15 जून- बलरामपुर
19 और 20 जून- सिद्धार्थनगर
26 और 27 जून- मऊ
20 और 21 जून- पीलीभीत
3 और 4 जुलाई- बहराइच
10 और 11 जुलाई-श्रावस्ती
5 और 6 जुलाई-आजमगढ़
12 और 13 जुलाई- लखीमपुर खीरी
नेपाल से सटे नौ जिले ऐसे है जहां पर इसकी खामियां मिली है। इनमें बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, श्रावस्ती, पीलीभीत, आजमगढ़, लखीमपुर खीरी, मऊ, महराजगंज शामिल हैं। ऐसे चिह्नित किए 9 जिले में अब आय के स्रोत पर 2 सदस्य की टीम जांच करेगी। सूत्र बताते है कि 150 मदरसों ऐसे है जिनकी जांच होगी।
दरअसल, 10 सितंबर 2022 से 15 नवंबर 2022 तक यूपी सरकार ने मदरसों का सर्वे कराया था। इस टाइम लिमिट को बाद में 30 नवंबर तक बढ़ाया गया। सर्वे के बाद स्टेट में 8441 मदरसा गै-मान्यता संचालित मिले। यूपी मदरसा बोर्ड ने 2017 से मान्यता देना बंद कर दिया है। सर्वे के दौरान कई मदरसा संचालकों ने अफसरों को मान्यता नहीं होने की यही वजह बताई है।
मदरसा प्रबंधकों का कहना है कि सभी दस्तावेज देने के बाद भी मान्यता नहीं मिली है। ऐसे में वह दीनी तालीम देने के लिए मदरसा संचालित कर रहे हैं। सरकार के मुताबिक, प्रदेश में फिलहाल 15 हजार 613 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं।