कर्नाटक की हिजाब गर्ल की चर्चा पूरी दुनिया में हुई। अब एक बार फिर हिजाब गर्ल सुर्खियों में है, लेकिन इस बार कर्नाटक में नहीं, यूपी में…। यहां पिछले 8 दिन में 9 ऐसी घटनाएं हुई हैं। ये सभी मामले वेस्ट यूपी के हैं। यहां हिजाब या बुर्का पहने लड़कियों के साथ बदसलूकी हुई है। अब बात आगे निकलकर मंदिरों में मुस्लिमों के आने-जाने पर पाबंदी और ड्रेस कोड तक पहुंच गई है। आज संडे स्टोरी में बात करते हैं…द यूपी स्टोरी की…
यूपी में हिजाब खींचने की पहली घटना, 9 दिन पहले यानी 13 मई को मेरठ के भरे बाजार में हुई। यहां कुछ युवक मुस्लिम लड़कियों से पूछ रहे हैं कि हिंदू लड़कों से दोस्ती करोगी क्या..? ऐसी ही एक दूसरी घटना भी इसी मेरठ में होती है। तीसरी घटना मेरठ से 57 किमी दूर मुजफ्फरनगर में होती है। चौथी घटना मेरठ से 74 किमी दूर बुलंदशहर में होती है। ये 9 घटनाएं वेस्ट यूपी के 6 जिलों में हुई हैं। इन जिलों के बीच की दूरी 57 किमी से 135 किमी के बीच है।
मेरठ के नायब शहर काजी जैनुर राशिद्दीन कहते हैं कि औरतों का हिजाब खींचना, ये पूछना कि तुम कौन हो? कहां से आई हो? किसके साथ आई हो? ये सब चीजें जो हो रही हैं, ये बातें अच्छी नहीं हो रही हैं। इनका प्रभाव लोगों पर अच्छा नहीं पड़ रहा है। बहुत से लोग नाम बदलकर धोखा करते हैं। शरीयत के अंदर धोखेबाजी करना गलत बात है।
जैनुर कहते हैं कि शादी जिंदगी भर के लिए होती है, एक-दो महीने के लिए नहीं। हम इसका विरोध करते हैं, वो चाहे जो हों, ऐसे लड़कों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। शरीयत में भी इस तरह की घटना को गलत बताया गया है। ऐसी हरकत करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। चाहे हिंदू हों या मुस्लिम हों। ऐसा न हो कि वो हिंदू हैं तो सजा नहीं दे रहे हैं, मुस्लिम हैं तो सजा दे रहे हैं।
सहारनपुर के मुस्लिम धर्म गुरु कारी इसहाक गोरा कहते हैं कि हमारा मुल्क लोकतांत्रिक मुल्क है। यहां हर किसी को अपनी मर्जी के मुताबिक जिंदगी जीने का अधिकार है। ये अधिकार हमें लोकतंत्र ने दिया है। यहां पर कानून है, अगर कोई व्यक्ति कानून के खिलाफ काम करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए।
लखनऊ के लेखक और पसमांदा-सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. फैयाज अहमद फैजी कहते हैं कि मैं सरकार से मांग करता हूं कि ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। ताकि ये सख्त मैसेज जाए कि योगी सरकार महिलाओं के सम्मान के लिए संकल्पित है। दूसरी बात नकाब और बुर्का को लेकर सामाजिक सुधार की जरूरत है, इसको लेकर समाज और सरकार को जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। लेकिन किसी व्यक्ति या समुदाय विशेष को ये हक नहीं है कि वो
पहली घटना… मेरठ के भगत सिंह मार्केट में होती है। यहां हिजाब पहने लड़कियां दोस्तों के साथ चेयरमैन वाली गली में शॉपिंग कर रहीं थीं। वे सभी दोस्त किसी की बर्थडे शॉपिंग के लिए आए थे। इसी दौरान एक लड़की अपने मेल दोस्त को उसके नाम से बुलाती है। तभी वहां खड़े कुछ मुस्लिम लड़के दोस्त को घेर लेते हैं। आरोपी पूछते हैं कि हिंदू लड़कों के साथ घूम रही हो तुम? उन्होंने लड़कियों के साथ आए युवक से आरोपियों ने मारपीट की। लड़कियों के चेहरे से हिजाब भी खींचा।
भरी मार्केट में आरोपी जब दोस्त को पीटने लगे तो लड़कियां बीच-बचाव करने लगीं। बोली- क्यों मार रहे हो उसे? मेरा दोस्त है वो। इस पर एक आरोपी ने कहा-“कैसे दोस्त हैं ये। हिंदुओ को दोस्त बनाओगी तुम।” लड़कियों ने बार-बार कहा कि भइया छोड़ दो। हम गलत नहीं हैं। ये हमारा दोस्त है। हम एक ही कंपनी में काम करते हैं। लड़का भी बार-बार कहता रहा- मेरी बात तो सुनो। लेकिन, आरोपियों में किसी ने उसकी बात नहीं सुनी।
ये घटना 13 मई यानी निकाय चुनाव के काउंटिंग के दिन की थी। लेकिन वीडियो 15 मई को सामने आया था। वीडियो 48 सेकेंड का है। इस घटना के बारे में SP सिटी पीयूष कुमार कहते हैं कि वीडियो सामने आने के बाद मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। आरोपी तनवीर नाम के युवक को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया। करीब 15 लोगों की पहचान हो चुकी है। सभी पर एक्शन लिया जा रहा है
ये घटना भी मेरठ के भगत सिंह मार्केट की है। इसमें हिजाब पहने 3 मुस्लिम लड़कियों से बदसलूकी हुई। इसका भी वीडियो सामने आया। इसमें दिख रहा है कि शहर की भगत सिंह मार्केट में 3 लड़कियां खड़ी हैं। उनके साथ एक लड़का है, तभी कुछ लड़के आते हैं और वीडियो बनाने लगते हैं। लड़कियां वीडियो बनाने के लिए मना करती हैं। लेकिन वो नहीं मानते हैं।
फिर लड़के पूछते हैं कि ये जो तुम्हारे साथ घूम रहा है कौन है ये? लड़के का भी नाम बताओ, तुम्हें शर्म नहीं लगती, हिंदुओं के साथ घूम रही हो? तुम्हारे यहां कोई कहने, सुनने वाला नहीं है। लड़कियां कहती हैं कि ये लड़का जो हमारे साथ है। वो जानने वाला है।
एक लड़की कहती है कि ये मेरा देवर है। इसके बाद आरोपी युवक को पकड़ने के लिए बढ़ते हैं। मगर किसी तरह युवक वहां से भाग जाता है। स्थानीय दुकानदारों के मुताबिक, घटना 14 मई की है। वीडियो 17 मई को सामने आया। भगत सिंह बाजार में हिंदू, मुसलमान दोनों धर्म के लोगों की दुकानें हैं। 1947 में बंटवारे के वक्त इस बाजार को सरकार ने रिफ्यूजियों के लिए बनवाया था
16 मई को मुजफ्फरनगर से एक वीडियो सामने आता है। इसमें हिजाब पहनकर क्लासमेट के साथ बुलेट से जा रही लड़की से बदसलूकी की जाती है। पहले बोलेरो सवार युवक बुलेट पर बैठी लड़की का पीछा करते हैं। फिर कुछ दूर आगे जाकर गाड़ी को रोक देते हैं।
बोलेरो में 5-6 युवक सवार थे, वे पहले लड़की का हिजाब भी खींचते हैं। फिर लड़के से सवाल-जवाब करते हैं कि कौन हो तुम, कहां से आए हो? मेरठ से मुजफ्फरनगर के बीच की दूरी 57 किमी. है। पुलिस वीडियो पड़ताल शुरू करती है, तो पता चलता है कि पीड़ित लड़का बागपत के बड़ौत का है। वह मुजफ्फरनगर के कॉलेज में पढ़ाई करता है।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि यह घटना 13 मई को हुई थी। 15 मई को पुलिस ने इसमें FIR दर्ज की। 16 मई को इसका वीडियो वायरल हुआ। ये 37 सेकेंड का जो वीडियो सामने आया है। उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि इसे आरोपियों में से ही किसी ने बनाया है।
पुलिस जांच में पता चला कि युवक और युवती दोनों क्लासमेट है। 13 मई को कॉलेज में कोई कार्यक्रम था। उसी का सामान लेने के लिए युवक अपने एक दोस्त के साथ जा रहा था। उसका दोस्त आगे बाइक में चल रहा था।
बात 17 मई की है। एक बार फिर शहर मेरठ चर्चा में आता है। यहां एक रेस्टोरेंट में बजरंग दल के कार्यकर्ता हंगामा कर देते हैं। कहते हैं कि रेस्टोरेंट में मुस्लिम युवक हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर उनका ब्रेनवॉश कर रहे हैं। यहां लव जिहाद चल रहा है।
ये रेस्टोरेंट मेरठ के नौचंदी इलाके में है। नाम हंगर कैफे है। दरअसल, यहां रेस्टोरेंट के फीडबैक वॉल पर हिंदू लड़कियों के साथ मुस्लिम लड़कों के नाम लिखे थे। इसी पर बजरंग दल के लोगों ने हंगामा कर देते हैं। कैफे मालिक अरुण कहते हैं कि “कैफे में एक बोर्ड लगाया लगाया गया है। ताकि यहां आने वाले इस पर अपना फीडबैक मैसेज लिख सकें।”
बात 17 मई की है। गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर में दो नाबालिग लड़कियां अपने मेल दोस्त के साथ मंदिर में चली जाती हैं। तीनों को अंदर पकड़ लिया जाता है। उनकी आईडी देखी जाती है तो पता चलता है कि हिन्दू लड़की की ID पर उसके दोनों मुस्लिम दोस्त भी अंदर आ गए थे।
दरअसल, इस मंदिर में मुस्लिमों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित है, ऐसा नियम यहां पर बना हुआ है। इसी वजह से उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। हालांकि पुलिस जांच में कुछ संदिग्ध नहीं मिला। जिसके बाद तीनों को छोड़ दिया गया।
बात 17 मई की है। अलीगढ़ शहर में प्राचीन गिलहराजजी हनुमान मंदिर है। मंदिर के महंत योगी कौशलनाथ एक फरमान जारी करते हैं। जिसे मंदिर के बाहर चस्पा कर दिया जाता है। इसमें लिखा गया कि मंदिर में मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है। महाराष्ट्र में हुई घटना के बाद अलीगढ़ में भी संत समाज के लोग अलर्ट हो गए हैं।
बात 19 मई की है। एक फिर अलीगढ़ में हिंदू-मुस्लिम की चर्चा होती है। AMU कैंपस में बुर्के में घूम रही एक हिंदू लड़की का वीडियो सामने आता है। जिसमें दिखाई दे रहा है कि वह एक लड़के के साथ कैंपस में घूम रही है। इसी दौरान कुछ लड़के लड़की और उसके दोस्त को रोक लेते हैं। फिर उसका नाम पूछते हैं। लड़का खुद को लड़की का भाई बताता है।
लड़का ये भी कहता है कि इन्हें एलर्जी हुई है। उसके हाथ और चेहरे में निशान पड़े हुए हैं। जिसके कारण वह बुर्का पहनकर घर से निकली है। जिससे धूप में उसकी एलर्जी में और ज्यादा परेशानी न हो। जब उससे नाम पूछते है। तो लड़की अपना नाम कोमल कुमारी बताती है।
ये वीडियो चार दिन पुराना बताया गया। इस बारे में सिविल लाइंस थाना प्रभारी प्रवेश कुमार बताते हैं कि मामले में अभी तक कोई शिकायत या तहरीर नहीं मिली है। फिर भी पुलिस ने वीडियो जांच की। AMU के अधिकारियों से भी बात की गई है। वीडियो में दिखने वाले लड़का और लड़की कौन हैं? इसका भी पता लगाया जा रहा है। अगर कोई शिकायत मिलेगी, तो कार्रवाई की जाएगी।
बात 19 मई की है। एक वीडियो सामने आता है। जिसमें देखा जा सकता है कि एक युवक-युवती बाइक से कहीं जा रहे हैं। तभी बाइक से कुछ लोग पीछे से आते हैं। उन लोगों का चेहरा वीडियो में नहीं दिख रहा है। वो लोग युवती से उसका हिजाब हटाने के लिए बोलते हैं। इस पर युवती अपना चेहरा घुमा लेती है और हाथ से हिजाब को पकड़ लेती है। घटना हसनपुर-गजरौला मार्ग की बताई जाती है। हालांकि इसी और डिटेल नहीं पता चल सकी है।
यूपी में हिजाब खींचने की इस तरह की घटनाएं नई हैं, लेकिन हिजाब पर बयानबाजी पुरानी बात है। पिछले साल अक्टूबर में कर्नाटक में चर्चित हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट दो जज जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया ने अलग-अलग फैसला सुनाया था।
जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब बैन के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए हिजाब पर प्रतिबंध को सही माना था। जबकि जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के बैन जारी रखने के आदेश को रद्द कर दिया था। इस 50-50 फैसले के बाद यूपी में भी इस मामले पर बहस चल रही है।
उसी वक्त का एक बयान आपको याद दिलाते हैं, जिस पर काफी बहस हुई थी। डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क संभल से सपा के विधायक हैं। बर्क ने कहा था कि इस्लाम के मुताबिक हिजाब इसलिए भी जरूरी है कि बच्चियां कंट्रोल में रहें, जिससे हालात भी संभले रहेंगे। हिजाब पहनने से दूसरे लोग उन पर बुरी नजर नहीं डाल सकेंगे।’