सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डुमरियागंज में ANM के पद पर तैनात कुछ पीड़िता द्वारा अधीक्षक डॉक्टर श्रवण कुमार तिवारी के खिलाफ उच्च अधिकारियों एवं महिला आयोग को शिकायत पत्र दिया, बताया जा रहा है कि सभी पीड़िता काफी समय से डॉक्टर श्रवण कुमार तिवारी द्वारा उत्पीड़न का शिकार हो रही थी, पीड़िता के द्वारा शिकायत पत्र देने के बाद डॉक्टर श्रवण कुमार तिवारी पीड़िता को शिकायत पत्र वापस लेने के लिए दबाव बनाते थे और कहते थे कि इससे मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा, डॉक्टर श्रवण कुमार तिवारी द्वारा बार-बार धमकी देने पर पीड़िता का मानसिक संतुलन बिगड़ रहा था, शिकायत पत्र देने के बाद पूर्व जिलाधिकारी महोदय के अध्यक्षता में महिला आयोग की दो सदस्यई जांच दल की टीम गठित की गई, जांच दल के सामने सभी पीड़ितों का बयान दर्ज करने के लिए CHC आना था, जिसकी जानकारी डॉक्टर श्रवण कुमार तिवारी को लग गई, जिसके बाद उन्होंने सभी ANM की मीटिंग बुलाई और सभी पीड़िता को डरा धमका कर पहले से तैयार किए गए एक पत्र पर सभी से जबरन हस्ताक्षर करा लिए गए, जबकि राज्य महिला आयोग द्वारा गठित टीम को जब सभी का सामूहिक बयान लिया जाना था तो डॉक्टर श्रवण कुमार तिवारी को मीटिंग हॉल से बाहर कर दिया गया और पहले से भेजा गया शिकायत पत्र को महिला आयोग की टीम द्वारा पढ़ कर सुनाया गया, पीड़िता ने बताया कि हमारे द्वारा भेजा गया शिकायती पत्र किसी के दबाव में आकर नहीं भेजा गया है जो हमारे साथ गुजरा है वही साक्ष्य इस शिकायती पत्र में लिखा है, पीड़िता द्वारा बताया गया कि महिला आयोग की टीम के जाने के बाद पुन: डॉक्टर श्रवण कुमार तिवारी सभी पीड़िता ANM की मीटिंग बुलाई और यह कहकर धमकाया गया कि सबको कोर्ट में ले जाऊंगा किसी को भी चैन से नौकरी नहीं करने दूंगा, जांच दल के द्वारा किए गए जांच में डॉक्टर श्रवण कुमार तिवारी दोषी पाए गए, जिसके तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा इनको अधीक्षक पद से हटा दिया गया, पीड़िता द्वारा बताया गया कि डॉक्टर श्रवण कुमार तिवारी इतना होने के बावजूद भी हम सभी को किसी न किसी के जरिए धमकाते रहते हैं ,पीड़िता द्वारा बताया गया कि हम महिला हैं और हमें डॉक्टर श्रवण कुमार तिवारी से डर लगता है कि हमारे साथ कहीं कुछ गलत ना कर दें, अगर देखा जाए तो हमारे समाज में सरकार द्वारा महिला सुरक्षा को लेकर बहुत सी बातें कही जाती हैं और धरातल से शुरू होकर धरातल पर ही रह जाती हैं अगर हमारे समाज में काम करने वाली महिलाएं अपने ही अधिकारियों से पीड़ित हो तो फिर सरकार द्वारा चलाया गया बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ का नारा किस काम का l