छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार अब सभी नगरीय निकायों में ‘कृष्ण कुंज’ बनाने जा रही है। इसमें कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बरगद, पीपल, नीम, कदंब और अन्य पूजित पौधों का रोपण किया जाएगा। सरकार की इस घोषणा के बाद भाजपा नेताओं ने सियासी तीर चलाया तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी पलटवार करने में देर नहीं की। भाजपा नेताओं ने कहा है कि राम के अस्तित्व को मानने से इन्कार करने वाली कांग्रेस अब भगवान श्रीकृष्ण के नाम का सहारा ले रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि भगवान श्रीराम, कृष्ण, शिव हमारे
दरअसल, कृष्ण कुंज से पहले राज्य सरकार ने प्रदेश के नौ प्रमुख स्थानों को राम वनगमन पथ में शामिल किया था। गोवंश को बचाने के लिए गोठान बनाए और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए गोबर की खरीदी भी की। कांग्रेस एक-एक करके भाजपा के हाथ से उन सभी मुद्दों को लपकने की कोशिश कर रही है, जो आस्था से जुड़े हैं। राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो कांग्रेस के इस कदम से भाजपा के कोर वोट बैंक में सेंध लग रही है। यही कारण है कि भाजपा नेताओं की फड़फड़ाहट सार्वजनिक हो रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को सरगुजा रवाना होने से पहले हेलीपैड पर मीडिया से चर्चा में कहा कि पीपल और बरगद के पेड़ गांवों में ही देखने को मिलते हैं, जिनका विस्तार होना चाहिए। इससे भाजपा को क्या तकलीफ है। भाजपा के लोग वोट के लिए भगवान को मानते हैं। चुनाव के समय में जय श्रीराम बोलते हैं। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर को लेकर काफी समय से केस चल रहा था। भाजपा के लोगों को लगा कि इस नाम पर वोट मिल सकता है, तब ये लोग आगे आए। सीएम ने कहा कि भाजपा बताए कि इनकी सरकार ने अपने कार्यकाल के 15 वर्षों में राम वनगमन पथ का विकास क्यों नहीं करवाया
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने सवाल किया है कि भाजपा श्रीराम, श्रीकृष्ण के नाम से योजना शुरू किए जाने से तिलमिला क्यों जाती है। दरअसल, इस प्रकार के निर्णय से भाजपा को अपनी जमीन खिसकती नजर आती है। श्रीराम और श्रीकृष्ण छत्तीसगढ़ की संस्कृति से जुड़े हैं।