लेकिन ऐसे भी स्टूडेंट्स हैं, जिन्होंने बीटेक, एमटेक और एमबीए तो कर लिया, मगर उन्हें मिलने वाली सैलरी ‘ऊंट के मुंह में जीरे’ जैसी है. दुख तो ये है कि इंजीनियरिंग और एमबीए करने के लिए स्टूडेंट्स को कठिन एंट्रेंस एग्जाम भी देना पड़ता है। इसके बाद कहीं जाकर उन्हें एडमिशन मिलता है।
दरअसल, ‘ऊंट के मुंह में जीरे’ वाली बात इसलिए कही गई, क्योंकि हाल ही में एक रोजगार मेले में वेटर की 10 हजार रुपये महीने की नौकरी के लिए एमटेक और एमबीए किए हुए युवाओं से आवेदन मांगे गए। हैरानी वाली बात ये है कि वेटर, स्कूल को-ऑर्डिनेटर जैसे पदों के लिए हजारों युवाओं ने अप्लाई भी किया। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस रोजगार मेले का आयोजन बुधवार को झारखंड के धनबाद जिले में आयोजित किया गया। यहां युवाओं का सामना एक कड़वी सच्चाई से हुआ, क्योंकि एमटेक और वेटर के लिए एक बराबर की सैलरी यानी 10 हजार रुपये रखी गई।
26 कंपनियों ने लिया हिस्सा
ऐसे हालातों को देखते हुए मन में सिर्फ एक सवाल आता है कि इस डिग्री का क्या किया जाए, क्योंकि लाखों रुपये फीस देकर हासिल की गई बीटेक, एमटेक और एमबीए किया गया है. दरअसल, रोजगार मेले में 26 कंपनियां आईं, जिन्हें कुल मिलाकर 2331 पदों पर युवाओं की नियुक्ति करनी थी. नौकरी पाने की चाह से हजारों युवा यहां पहुंचे. लगभग 3000 के करीब युवाओं ने अलग-अलग पदों के लिए अप्लाई भी किया।
10वीं और एमटेक डिग्री बराबर हुई।
इस रोजगार मेले में चर्चा का विषय सैलरी का बना रहा है उदाहरण के लिए एक कंपनी को 21 स्कूल को-ऑर्डिनेटर की जरूरत हैकंपनी ने एमबीए, बीसीए, एमटेक उम्मीदवारों से आवेदन मांगे। कंपनी ने बताया कि जिस उम्मीदवार को नौकरी दी जाएगी, उसे 10 हजार रुपये सैलरी मिलेगी। इस पद के लिए 13 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट भी किया गया।
एक कंपनी को डीएलएड टीचर की जरूरत थी। उसने बताया कि उम्मीदवार को सैलरी सिर्फ पांच हजार रुपये मिलेंगे। ऐसा ही हाल वेटर की नौकरी के लिए रहा, जिसकी सैलरी 10 हजार रुपये थी। कूक की सैलरी 11 से 16 हजार के बीच तय की गई थी। वहीं, रोजगार मेले में नौकरी की तलाश में आए युवाओं ने कहा कि 10वीं-12वीं पास और एमटेक और एमबीए किए हुए युवा दोनों ही को 10 हजार रुपये सैलरी दी जा रही है।