लखनऊ में देर रात पुलिस ने सपा नेता शिवपाल यादव के निजी सचिव (PS) अंकुश शर्मा को चेकिंग के दौरान पकड़ लिया। पुलिस को अंकुश की गाड़ी से एक संदिग्ध पैकेट मिला था। जिसके बाद अंकुश को पुलिस गौतमपल्ली थाने लाई और पूछताछ करने लगी। इसकी जानकारी होने पर शिवपाल यादव समर्थकों के साथ थाने पहुंच गए और हंगामा कर छुड़ा ले गए।
शिवपाल यादव के गौतमपल्ली थाने पहुंचने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी थाने पहुंच गए। सोशल मीडिया पर कई कार्यकर्ता एक-दूसरे से थाने पहुंचने के लिए बुलाने लगे। थाने में करीब 15 मिनट तक चले हंगामे के बाद शिवपाल अंकुश को लेकर चले गए। इस दौरान समर्थकों ने जमकर नारेबाजी भी की।
गौतमपल्ली थाने में तैनात दरोगा धीरेंद्र यादव टीम के साथ गुरुवार रात 9 बजे सपा कार्यालय के पास चौराहे पर चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान सपा नेता शिवपाल यादव के निजी सचिव अंकुश शर्मा अपनी आई-20 कार से निकले। पुलिस ने कार रोकने का प्रयास किया। लेकिन उन्होंने रफ्तार बढ़ा दी।
दरोगा के मुताबिक कुछ दूरी पर बंदरियाबाग रेलवे क्रासिंग बंद होने के कारण कार रुक गई। पुलिस ने कार चालक अंकुश से कागजात मांगे। इस पर वहां कहासुनी होने लगी। पुलिस टीम से अंकुश ने अभद्रता की। इसी बीच थाने से भी टीम क्रासिंग पहुंच गई और अंकुश को थाने लेकर आई। यहां पर उनसे पूछताछ करने लगी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक चेकिंग के दौरान कार से संदिग्ध पैकेट भी मिला है। हालांकि, उसमें क्या है, इसकी अभी जांच की जा रही है।
शिवपाल यादव ने लखनऊ पुलिस पर गंभीर आरोप लगा हैं। शिवपाल ने कहा कि पुलिस वालों ने मेरे निजी सचिव की गाड़ी को रुकवा कर उसकी पीछे वाली सीट पर असलहा रख दिया। पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए शिवपाल ने कहा कि पुलिस निर्दोष लोगों को फंसा रही है। कई निर्दोषों को यूपी पुलिस ने जेल भेज दिया है।
मेरे निजी सचिव को भी फंसाने की कोशिश की जा रही है। इन सारी बातों का कल हम और हमारी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता खुलासा करेंगे। पार्टी कार्यालय में पुलिस की इस हरकत के संबंध में बैठक होगी।
डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि पुलिस टीम वाहन चेकिंग कर रही थी। अंकुश ने कार नहीं रोकी। संदेह होने पर रेलवे क्रासिंग के पास से पकड़ा गया। उसे थाने लाया गया। कार के कागजात के संबंध में पूछताछ की गई। पुलिस सिर्फ अपना रूटीन काम कर रही थी। जो भी तथ्य सामने आएंगे उस पर निष्पक्षता के आधार पर जांच किया जाएगा।
शिवपाल थाने से निकलने के बाद अखिलेश यादव के आवास पर पहुंचे। यहां करीब 20 मिनट तक रहे। हालांकि अखिलेश अपने आवास पर नहीं थे। वहीं बाहर करीब चार से पांच सौ की संख्या में कार्यकर्ता पुलिस व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रही। पुलिस अधिकारियों ने आसपास के थानों की पुलिस बुला ली गई थी। रात करीब 10.30 बजे मामला शांत हो गया।