राज्यसभा सदस्य और शिवसेना की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता के परिवार को सीआरपीएफ सुरक्षा दिलाने की मांग की है। अपने पत्र में शिवसेना प्रवक्ता ने हाथरस की घटना में अमानवीयता का जिक्र किया है। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
चतुर्वेदी ने कहा, ‘मानवता के इतिहास में लोग दिवंगत का अंतिम संस्कार सम्मान के साथ करते रहे हैं। परिवार के सदस्यों को अपने प्रिय को देखने मौका दिया जाता है, लेकिन 30 सितंबर को देश ने देखा कि मृतका के परिवार को हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करने देने से भी इन्कार कर दिया गया। आधी रात को शव जलाया गया।’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि परिवार को बंधक बनाकर रखा गया है और हाथरस के अधिकारी उन्हें धमका रहे हैं।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास कर दिया। लेकिन, उत्तर प्रदेश में राम राज्य नहीं है। कानून-व्यवस्था की दृष्टि से प्रदेश में जंगल राज है। महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है और दुष्कर्म और हत्या की घटनाएं बढ़ गई हैं।
मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा कि हाथरस में एक युवती की दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया। मरने से पहले अपने बयान में, पीड़िता ने कहा कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। लेकिन यूपी सरकार अब कहती है कि उसके साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था। इसके तुरंत बाद, यूपी के बलरामपुर में भी सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई।