शहडोल । मध्यप्रदेश के सभी जिलों में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। शहडोल जिले में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण राज्य शासन ने कोरोना कफ्र्यू की घोषणा की।
कोरोना कफ्र्यू बढ़ने के कारण थोक व्यापारियों की चांदी हो गई है, थोक व्यापारियों के गोदाम में पहले से ही जमा किए गए समानो की कालाबाजारी शुरू कर दी गई है। प्रत्येक समान का दाम डेढ़ गुना करके खुदरा व्यापारियों को दिया जा रहा है, जिसके कारण खुदरा व्यापारी भी दाम बढ़ाकर लोगों को समान देने में मजबूर हैं।
सामानों के दाम बढ़ने से एक ओर जहां आम नागरिकों को इससे काफी नुकसान हो रहा है, वहीं व्यापारियों के लिए अवसर बनकर आया कोरोना कफ्र्यू।
दस का गुटखा 50 रुपये में, सिगरेट और तम्बाकू से बने उत्पाद बहुत महँगे दामों में बिक रहे हैं।
सबसे ज्यादा खाने-पीने की सामग्री, राशन, तेल, अनाज एवं सब्जियों के दामों में इजाफा हुआ है, किराना दुकानों में मिलने वाली सामग्रियों के कई आइटमों के दाम डेढ़ गुना तक बढ़ गए हैं। पिछले वर्ष लाॅक डाउन में प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान न दिए जाने के कारण बाजार में काफी कालाबारी हुई थी, जिसे बाद में कुछ हद तक प्रशासन की कड़ाई के कारण रोका गया था। प्रशासन को इस बार व्यापक स्तर पर जमाखोरी एवं कालाबाजारी एवं दामों की बढ़ोतरी पर रोक लगाने हेतु आवश्यक कदम उठाने होंगे, ताकि आम जनता को कोरोना महामारी के कारण दोहरी मार न पड़े।
बदनाम हो रहे फुटकर व्यापारी
इस कालाबारी एवं दाम बढ़ोतरी के सम्बंध में कुछ व्यापारियों द्वारा चर्चा में आया कि दाम थोक व्यापारियों द्वारा ही बढ़ाकर दिया जा रहा है, जिससे हमें समान मंहगा बेचना पड़ रहा है। ज्यादा दाम लेने के कारण हमें भी आए दिन लोगों से बहस का सामना करना पड़ रहा है।
सामानों की आवक कम होना एवं उपलब्ध न होना बताकर सामानों के दाम बढ़ाकर दिए जा रहे हैं। खासकर खाने पीने की चीजों जैसे तेल, शक्कर, दाल आदि के दामों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। साथ ही सूत्रों की माने तो बाजार में इन दिनों नकली खाद्य तेल का बाजार भी काफी जोरों पर है। प्रशासन को कड़ी कार्यवाही करते हुए इस व्यवस्था को सुधारना होगा, तभी आम जनमानस को कोरोना महामारी के समय दोहरी मार से बचाया जा सकेगा।