शहडोल। बाल विवाह रोकने में गठित टीम को बड़ी कामयाबी मिली है। अधिकारियों की टीम ने बाल विवाह रुकवाया है। शहडोल महिला एवं वाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती शालिनी तिवारी ने जिले में बाल विवाह रोकने के लिए चाइल्ड लाइन 1098, महिला एवं बाल विकास जयसिंहनगर से परियोजना अधिकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम का गठन किया है। टीम बाल विवाह पर सतत नजर रखे हुए थे बाल विवाह के लिए गठित टीम को जानकारी मिली थी कि जिले के ग्राम बासा, जयसिंहनगर में बाल विवाह हो रहा है। सूचना को गम्भीरता से लेते हुए विवाह स्थल पर संयुक्त टीम पहुंची। बाल विवाह की रोकथाम के लिए बनाई टीम ने कार्रवाही करते हुए उम्र सत्यापन संबंधी दस्तावेज आधार कार्ड की जांच की. प्रस्तुत दस्तावेज के आधार पर बालिका की आयु 15. वर्ष होना मिला जो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अनुसार बालिका की उम्र विवाह योग्य नहीं था. इसके बाद संयुक्त टीम ने बाल विवाह को रोका। सतर्क रहने की हिदायत इस अवसर पर टीम द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की जानकारी भी दी गई. उन्होंने बालिका के परिजनों को बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अनुसार लड़की की आयु 18 वर्ष से कम और लड़का की आयु 21 वर्ष से कम उम्र के विवाह को प्रतिबंधित किया है। महिला एवं बाल विकास सी.डी.पी.यू श्री अयोध्या सिंह राठौर ने बताया कि बाल विवाह केवल एक सामाजिक बुराई ही नहीं बल्कि कानूनन अपराध भी है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर-वधु के माता-पिता, सगे संबंधी, बाराती यहां तक की विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. इस अधिनियम का उल्लंघन करने पर 2 साल तक के कठोर कारावास या 1 लाख रुपए तक जुर्माना दोनों से दंडित किया जा सकता है। गौरतलब है कि बाल विवाह के कारण बच्चों मेें कुपोषण, शिशु-मृत्यु दर एवं मातृ-मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। कार्रवाई के दौरान सी.डी. पी.यू. अयोध्या सिंह राठौर, चाइल्ड लाइन अधिकारी राहुल अवस्थी सदस्य कुंदन विष्वकर्मा और पुलिस विभाग के अधिकारी सहित ग्राम पंचायत सरपंच एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी उपस्थित थी, साथ ही सरपंच और सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ऐसे मामलों पर सतर्कता बरतते हुए तत्काल चाइल्ड लाइन 1098 जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं जिससे बाल विवाह को रोका जा सके।
सवांददाता: संदीप साहू