पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि शाहबाज शरीफ की सरकार अगले 4-5 महीने में गिर जाएगी। इसके बाद इमरान अदियाला जेल से रिहा हो जाएंगे।
तोशाखाना केस से जुड़े एक मामले की सुनवाई के बाद मीडिया से बात करते हुए खान ने कहा- यही वजह है कि बिलावल भुट्टो की PPP पार्टी ने शरीफ कैबिनेट जॉइन नहीं की। केस में फैसला पहले से तय हो चुका है। सुनवाई सिर्फ औपचारिकता है।
दरअसल, 8 फरवरी को पाकिस्तान में हुए आम चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। हालांकि, इमरान समर्थक निर्दलीय उम्मीदवारों को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं। इसके बाद नवाज शरीफ की पार्टी PML-N और बिलावल भुट्टो की पार्टी PPP ने गठबंधन का फैसला किया।
इसके तहत PPP ने कैबिनेट से बाहर रहने की शर्त पर राष्ट्रपति का पद मांगा था। गठबंधन होने के बाद शाहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया। 29 फरवरी को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में संसद का पहला सत्र हुआ था। 3 मार्च को शाहबाज शरीफ नेशनल असेंबली में PM चुने गए थे।
इमरान खान ने अपने ऊपर लगे केस को निराधार बताते हुए दावा किया कि ब्रिटिश सरकार ने जो पैसे ट्रांसफर किए थे वो सरकार के ही पास थे और इसलिए सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट कारोबारी मलिक रियाज ने ब्रिटेन में एक घर खरीदने के लिए पैसे ट्रांसफर किए थे। ये घर नवाज शरीफ के बेटे हसन नवाज शरीफ ने 1.5 लाख करोड़ में बेचा था, जबकि उसने घर को 748 करोड़ में खरीदा था। खान ने मामले में हसन शरीफ से सवाल किए जाने की मांग की।
इमरान ने कहा कि केस से जुड़ी हर चीज में हेरफेर की गई थी और अब सच्चाई सामने आ रही है। इस मामले में केयरटेकर सरकार के अलावा चुनाव आयोग और फौज भी शामिल थी। दरअसल 31 जनवरी को इमरान और उनकी पत्नी को तोशाखाना रेफरेंस मामले में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
दोनों पर आरोप हैं कि उन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस से तोहफे में मिला ज्वेलरी सेट बेच दिया था। इस सेट में एक नेकलेस, घड़ी, 2 झुमके और एक अंगूठी शामिल थी, जिसे बुशरा ने बिकवा दिया था।
तोशाखाना (ट्रेजरी) के नियमों के मुताबिक, इमरान को यह ज्वेलरी सेट जमा कराना था। लेकिन बुशरा ने ऐसा करने से मना कर दिया। साल 2022 में इस मामले की जांच शुरू हुई थी। इसके लिए ज्वेलरी शोरूम के मालिक और मैनेजर से भी पूछताछ हुई थी। इस दौरान ज्वेलरी बेचे जाने के वक्त का CCTV फुटेज भी मिला था। इसके बाद नैकलेस बरामद करके उसे तोशाखाना में जमा करा दिया गया था।
पाकिस्तान की पत्रकार आलिया शाह के मुताबिक पाकिस्तान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे पद पर रहने वालों को मिले तोहफों की जानकारी नेशनल आर्काइव को देनी होती है। इन्हें तोशाखाना में जमा कराना होता है। अगर तोहफा 10 हजार पाकिस्तानी रुपए की कीमत वाला होता है तो बिना कोई पैसा चुकाए इसे संबंधित व्यक्ति रख सकता है।