कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की बाईं पसली में फ्रैक्चर हो गई है। कांग्रेस पार्टी द्वारा यह जानकारी सोमवार शाम को दी गई, जिसमें कहा गया कि पी चिदंबरम को दिल्ली पुलिस द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थन में पार्टी के विरोध के दौरान धक्का दिया गया था। बता दें कि राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को तलब किया गया था। बता दें कि इस पूरे मामले पर कांग्रेस पार्टी ने देश भर में सरकार के खिलाफ और गांधी के समर्थन में एक ‘सत्याग्रह’ मार्च का आयोजन किया, जिसमें कई पार्टी नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, ‘जब तीन बड़े और भारी भरकम पुलिसकर्मी आप से टकराते हैं, तो आप भाग्यशाली होते हैं कि एक संदिग्ध हेयरलाइन क्रैक से बच जाते हैं! डाक्टरों ने कहा है कि अगर हेयरलाइन क्रैक है, तो यह लगभग 10 दिनों में अपने आप ठीक हो जाएगी। मैं ठीक हूं और कल अपने काम पर जाऊंगा।’
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने एसएचओ तुगलक रोड को पत्र लिखकर दिल्ली पुलिस कर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया और उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। चौधरी ने कहा, ‘यह आपको सूचित करने के लिए है कि आज ईडी कार्यालय के रास्ते में दिल्ली पुलिस ने मुझे बिना किसी उकसावे के बुरी तरह से पीटा है। पुलिस अत्याचार के चरण के दौरान, मेरे मुंह के ऊपरी जबड़े में चोट लग गई। क्या मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मेरे पत्र को उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ एक आरोप के रूप में माना जाए और आवश्यक कार्रवाई की जाए।’
बता दें कि नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी के समक्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पेशी के चलते सोमवार को दिल्ली में राजनीतिक हलचल सुबह से ही तेज थी। राहुल की ईडी कार्यलय में पेशी से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। यह मामला इतना बढ़ गया कि पूरे दिन कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जद्दोजहद जारी रही। वहीं इस बीच दिल्ली कांग्रेस के कानूनी और मानवाधिकार विभाग ने सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का रुख किया और आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने कानूनी सहायता प्रदान करने और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए मौके पर मौजूद कांग्रेस पार्टी के वकीलों को जबरदस्ती और अवैध रूप से हिरासत में लिया।