वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने अनुच्छेद-370 पर फारूक के बयान की निंदा की, कहा- यह अस्वीकार्य

वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने जम्मू-कश्मीर में चीन की मदद से अनुच्छेद-370 को बहाल किए जाने संबंधी पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के कथित बयान की कड़ी निंदा की। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सद्र-ए-रियासत सिंह ने फारूक अब्दुल्ला के उक्‍त बयान को पूरी तरह अस्वीकार्य बताया है। उन्‍होंने बुधवार को कहा कि इस तरह की टिप्पणियों से केंद्रशासित प्रदेश की जनता में वास्तविकता से दूर उम्मीदें पैदा होंगी जो देश के हित में नहीं है।

कर्ण सिंह ने एक बयान में कहा कि मेरे पुराने मित्र फारूक अब्दुल्ला ने यह हैरान करने वाला बयान दिया है कि चीन की मदद से अनुच्छेद-370 की बहाली होगी। मैं उनके एक साल तक हिरासत में रहने और हाल के कई घटनाओं से उनके गुस्से और हताशा को समझ सकता हूं लेकिन नेशनल कांफ्रेंस के नेता के इस बयान को किसी भी रूप में स्‍वीकार नहीं किया जा सकता है। यह बयान तो पूरी तरह अस्वीकार्य है। वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि फारूक का बयान से जम्मू-कश्मीर के लोगों में वास्तविकता से दूर उम्मीदें पैदा करने को उकसाएगा।
हालाकि कर्ण सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रिहाई का स्वागत करते हुए कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी। बता दें कि फारूक के विवादित बयान को लेकर भाजपा हमलावर है। भाजपा ने पूर्व में इस बयान को लेकर कांग्रेस की चुप्‍पी पर भी सवाल उठाए थे। भाजपा प्रवक्‍ता संबित पात्रा ने कहा था कि ऐसा नहीं है कि केवल फारूक अब्दुल्ला ऐसा कहते हैं। यदि आप राहुल गांधी के हाल-फिलहाल के बयानों को सुनें तो पाएंगे कि ये दोनों ही नेता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

वहीं अब्दुल्ला ने अपने पूर्व के बयान पर रविवार को कहा था कि जहां तक चीन का सवाल है मैंने तो कभी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को यहां बुलाया नहीं। वहीं महबूबा मुफ्ती ने एकबार फिर जहर उगला है। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा है कि पिछले साल पांच अगस्त को लिया गया केंद्र का फैसला दिनदहाड़े लूट थी। हम उसे वापस पाकर रहेंगे। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से आज उनके पास पर नेशनल काफ्रेंस अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला व उमर अब्दुल्ला ने मुलाकात की। मुलाकात के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम महबूबा जी से शिष्टाचार भेंट करने आए थे क्योंकि वह लंबे समय बाद रिहा हुई हैं।