महिला सशक्तिकरण के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी – डॉ उमेश शाक्य

महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं का आत्मनिर्भर होना अति आवश्यक है । इसके लिए महिला उद्यमिता के क्षेत्र में आने कठिनाइयों एवं समस्याओं को दूर कर उद्यमों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के प्रयास करने की आवश्यकता है । उद्यमों में आधी आबादी की भागीदारी को बढ़ाकर रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं ।

उक्त विचार आगरा के आंवलखेड़ा स्थित माता भागवती देवी राजकीय महिला महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के असि. प्रोफेसर डॉ उमेश कुमार शाक्य द्वारा मीरजापुर के चुनार स्थित स्वतंत्रता सेनानी विश्राम सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी अभियान “मिशन शक्ति फेज थ्री” के तहत ‘महिलाओं के उद्यमिता विकास से संबंधित तकनीकी एवं वित्तीय जानकारी’ विषय पर आयोजित वेबगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए व्यक्त किए गए । उन्होंने अपने संबोधन में महिलाओं द्वारा उद्यम की स्थापना और संचालन में आने वाली कठिनाइयों और समस्याओं का जिक्र करते हुए वित्त की समस्या का विस्तार से उल्लेख किया ।

डा शाक्य ने महिला उद्यमियों की वित्तीय सहायता, ऋण एवं छूट प्रावधानों, तकनीकी सहायता एवं प्रशिक्षण से संबंधित विभिन्न योजनाओं तथा कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए महिला उद्यमियों के मार्ग में आने वाली समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए ।
संगोष्ठी को विशिष्ठ वक्ता राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, चकिया, चंदौली के अर्थशास्त्र के असि. प्रोफेसर डॉ समशेर बहादुर ने भी संबोधित किया । उन्होनें महिला उद्यमियों के समक्ष आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों और इस दिशा में बेहतर कार्य कर रही अनेक सफल महिला उद्यमियों का उल्लेख किया तथा सफल महिला उद्यमी बनने के उपायों से अवगत कराया ।
संगोष्ठी के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अशर्फी लाल ने संगोष्ठी में प्रदान की गई जानकारी को अत्यंत महत्त्वपूर्ण तथा लाभकारी बताते हुए महिलाओं से उद्यमों के क्षेत्र में आकर अपने आपको आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध कराने में सक्षम बनने का आह्वान किया ।
कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम प्रभारी डॉ राजेंद्र कुमार ने किया तथा सह संयोजक डॉ रजनीश कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया । वेबगोष्ठी में डॉ शैफालिका राय, डॉ नलिनी सिंह, डॉ मनोज कुमार यादव सहित महाविद्यालय के अनेक प्राध्यापक, शोधार्थी, तथा छात्र/छात्राओं की उपस्थिति रही ।