मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें संकेत दिया गया था कि अगर वह केंद्र के खिलाफ बोलना बंद कर दें तो उन्हें उपराष्ट्रपति बना दिया जाएगा। जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाए जाने पर मलिक ने कहा कि वह (धनखड़) डिजर्विंग उम्मीदवार थे, बनाने ही चाहिए थे। उन्होंने कहा, ‘मेरा कहना इसमें ठीक नहीं लेकिन मुझे इशारे थे, पहले से कि आप नहीं बोलोगो तो आपको (उपराष्ट्रपति) बना देंगे, लेकिन मैं यह नहीं कर सकता। मैं जो महसूस करता हूं वह जरूर बोलता हूं।’
राहुल गांधी की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर मलिक ने कहा, ‘अपनी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं अच्छी बात है। नौजवान आदमी हैं, पैदल तो चल रहे हैं। अब तो नेता यह सब काम तो करते ही नहीं हैं। यात्रा को लेकर क्या संदेश जाएगा… मुझे नहीं पता। यह तो जनता बताएगी कि क्या संदेश गया लेकिन मुझे यह लगा कि ठीक काम कर रहे हैं।’किसान आंदोलन दुबारा शुरू होने की संभावना पर मलिक ने कहा, ‘किसान आंदोलन… मैं तो नहीं करने वाला लेकिन किसानों को करना पड़ेगा, जैसे हालात दिख रहे हैं। अगर एमएसपी की बात (केंद्र) सरकार नहीं मानती है तो फिर लड़ाई होगी।’ सरकार की ओर से मांग माने जाने के आसार पर उन्होंने कहा कि अभी तो मानने के कोई बहुत आसार लग नहीं रहे हैं।
दिल्ली में राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ किए जाने पर उन्होंने कहा, ‘इसकी कोई जरूरत नहीं थी। राजपथ सुनने में भी अच्छा लगता था। उच्चारण में ठीक था, कर्तव्य पथ कौन उच्चारण करेगा… लेकिन चलो कर दिया तो उनका भी मंजूर है।’ आयकर विभाग व प्रवर्तन निदेशालय की ओर से मारे जा रहे छापों को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना पर मलिक ने कहा, ‘कुछ छापे भाजपा वालों पर भी डलवा दें तो यह बात नहीं कही जाएगी। भाजपा में तो बहुत लोग हैं छापे डलवाने लायक। कुछ छापे अपनों पर भी डलवा दें तो यह बात नहीं उठे।’