इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने सांसद संघमित्रा मौर्य के पति होने का दावा करने वाले व्यक्ति द्वारा सांसद और उनके पिता कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए दायर की गई याचिका पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.न्यायमूर्ति डी. के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति सरोज यादव की पीठ ने दीपक कुमार स्वर्णकार उर्फ दीपक के. एस. की याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया. आपको बता दे कि याची दीपक स्वयं को पत्रकार बताता है.याची के वकील रोहित त्रिपाठी ने बताया कि अदालत ने एक दिसंबर को सुनवायी करते हुए राज्य सरकार के अधिवक्ता से एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा था. उन्होंने दावा किया कि सरकार की ओर से अभी तक जवाब दाखिल नहीं किया गया है.
याची का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले उसने और भाजपा सांसद मौर्य ने बौद्ध प्रथा से विवाह कर लिया था, हालांकि दोनों के बीच शादी का खुलासा चुनाव के बाद करने की सहमति बनी थी. आरोप है कि चुनाव के बाद जब उसने विवाह को सामाजिक मान्यता देने की बात कही तो भाजपा सांसद का बर्ताव बदल गया. याची का कहना है कि अब वह इंदिरा नगर में अलग रहता है, लेकिन उसे फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकियां मिल रही हैं. याचिका में अनुरोध किया गया है कि अदालत गाजीपुर थाने की पुलिस को याची का उत्पीड़न करने से रोके.याची ने अदालत से अपनी जानमाल की हिफाजत की गुहार लगायी है. अगर यह शादी साबित हो गयी तो सांसद संघमित्रा मौर्य की सांसदी पड़ जायेगी ख़तरे में . ऐसा इस लिए चुनाव लड़ने से पहले एक एफिडेबिट देना होता है , जिसमें शायद इस शादी का जिक्र नहीं हो और यदि शादी चुनाव से पहली हुई है तो संघमित्रा मौर्य की सांसदी पड़ सकती है खतरे में .
बता दें की संघमित्रा मौर्या बदायूं लोकसभा सीट से सांसद हैं। वह यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या की बेटी हैं। संघमित्रा मौर्या ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2011 में कासगंज जनपद के सिढ़पुरा से की थी। 2012 में उन्होंने अलीगंज विधानसभा से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। 2014 में वह के टिकट पर मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं। दोनों चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उस समय स्वामी प्रसाद मौर्या भी बसपा में हुआ करते थे। 2019 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर बदायूं लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
3 जनवरी, 2010 में उनकी शादी डॉ. नवल किशोर शाक्य के साथ हुई थी। हालांकि दोनों का रिश्ता बहुत लंबा नहीं चल पाया। अक्टूबर, 2012 से दोनों के बीच मनमुटाव और दूरियां शुरू हो गईं। इसके बाद 21 दिसंबर, 2017 को संघमित्रा ने लखनऊ के फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दायर की। 19 जनवरी, 2021 को कोर्ट ने तलाक की मंजूरी दे दी।