दिल्ली की संसद की विजिटर्स गैलरी से कूदकर रंगीन धुआं छोड़ने वाले दो लड़कों में सागर शर्मा, लखनऊ के आलमनगर का रहने वाला है। यहां उसका पता रामनगर 555 च/149 था। यह बंशीधर का घर है। जहां रहने के लिए वह पिछले रक्षाबंधन पर लखनऊ आया था।
लोगों को चीरते हुए हम उस कमरे तक पहुंचे, जहां सागर रहा करता था। इस कमरे में एक बेड पड़ा हुआ था। साइड में अलमारी रखी थी। बगल में ही छोटा सा किचन और बाथरुम था। इसमें ब-मुश्किल एक परिवार रह सकता है। वहीं बगल में ही किराए पर उसके नाना-नानी और मामा रहते हैं।
हम वहां पहुंचे। क्या सागर के व्यवहार से ऐसा लगा कि वो देश की संसद में घुसपैठ कर सकता है? इसके जवाब में परिजन बोले-सागर के बारे में इतना ही जानते हैं कि वह करीब 2 साल बेंगलुरु में रहा और पिछले रक्षा बंधन पर ही लखनऊ आया था। यहां ई-रिक्शा चलाता था। ई-रिक्शा खरीदा था या किराए पर लिया? इस जवाब परिजन नहीं दे सके
अब हम उसके घर के बाहर आ गए। यहां आस-पास रहने वाले लोग सागर के बारे में ही बात करते दिखे। हर कोई उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा बात जानना चाहता था। भास्कर टीम ने भी इन लोगों से सागर के बारे में कुछ सवाल पूछने शुरू किए। लेकिन, लोगों ने अपने घरों के दरवाजे बंद कर लिए।
परिजनों से सागर के सोशल मीडिया अकाउंट के बारे में जानकारी जुटाई। सामने आया कि वह खुद को क्रांतिकारी की तरह पेश करता था। मगर असलियत में वह एक नक्सली ग्रुप से जुड़ा हुआ था। यही वजह है कि वह इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे सका।
लोग बोले-वो सोशल मीडिया पर बड़ी-बड़ी बातें लिखता था
सागर के पकड़े जाने के बाद करीब सवा पांच बजे मानकनगर थाने से दो सिपाही घर पहुंचे। इसके बाद धीरे-धीरे पुलिस टीम का पहुंचना शुरू हो गया। यहां मौजूद लोग हैरान दिखे। दरअसल, सागर घर पर कम ही रहता था। कभी-कभार लूडो खेलते हुए दिखता था। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बड़ी-बड़ी बातें लिखता रहता था।संदीप ने बताया कि आप उसका फेसबुक अकाउंट हमसे ले लें…उसकी मानसिकता बता चल जाएगी।
फिर उसने दो फेसबुक अकाउंट के लिंक हमकों दिए। जब हमने उसके फेसबुक अकाउंट को खंगाला तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
अब बताते है कि उसने सोशल मीडिया पर आखिरी पोस्ट क्या लिखी और किससे प्रेरित था सागर…
‘जीते या हारे पर कोशिश तो जरूरी है। अब देखाना ये है कि सफर कितना हसीन होगा, उम्मीद है कि फिर मिलेंगे।’ यह सागर की अपने इंस्ट्राग्राम पर अंतिम पोस्ट है।
वहीं, फेसबुक के एक एकाउंट पर पर लिखता है-‘मेरा सपना ही मेरी दौलत है, मैं इतिहास लिखूंगा, आया हूं दुनियां में तो कुछ कर के मरूंगा…’
दूसरी पोस्ट पर लिखा है- ‘वैसे लिखना अपने आप में कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है, अगर उसकी पहुंच ही सीमित हो, परंतु एक प्रकार से किसी व्यक्ति के लिए यह उसकी व्यक्तिगत संतुष्टि हो सकती है…।’
उसने सागर शर्मा नाम से फेसबुक पर 2 अकाउंट बना रखे रखे थे। जिसमें सागर भारत के नाम से पोस्ट लिखता था। उसकी अधिकतर पोस्ट उसके बागी तेवर की तरफ इशारा करती हैं। सरकार, सिस्टम के खिलाफ बेबाकी से लिखने वाले सागर ने एक पोस्ट में लिखा है- ‘भारत एक भयानक स्थिति में है। राजनीतिक उथल-पुथल के बीच डूबती अर्थव्यवस्था एक ऐसे दृश्य को प्रदर्शित करती है, जहां चौराहे पर दुष्टता की पराकाष्ठा हो रही और लोग अपने-अपने घर के दरवाजे बंद करके खुद के जिंदा रहने को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देख रहे हों…।’
उसने स्त्री, जीवन, भौतिकवाद पर सोशल मीडिया पर कई लेख लिखे हैं। वह शहीद भगत सिंह से लेकर कम्युनिस्ट चे ग्वेरा तक को कोड कर लिखता रहा है। उसने अपने फेसबुक वॉल पर 2 अक्टूबर 2021 को शहीद भगत सिंह की एक तस्वीर पोस्ट की। इसके कैप्शन में लिखा- ‘ये तस्वीर शहीद भगत सिंह की है। जो 29 मई से 4 जुलाई 1927 के बीच की है, जब उनको पहली बार गोपनीय तरीके से गिरफ्तार कर लाहौर के रेलवे स्टेशन में रखा गया था। साथ में DSP CID लाहौर गोपाल सिंह पन्नू हैं।’
बेरोजगारी पर भी उसने पोस्ट किए हैं। उसकी पोस्ट से साफ लगता है कि वह वामपंथी विचारधारा से प्रेरित था। जिसके चलते ही उसने इतना बड़ा कदम उठाया। लेकिन वह इनके संपर्क में कैसे आया? यह सबके लिए बड़ा सवाल है। जिसको लेकर दिल्ली से लेकर लखनऊ तक की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां जांच पड़ताल कर रही हैं।
सागर की मां रानी शर्मा ने कहा,”मेरा बेटा सागर सीधा-साधा लड़का था। दिल्ली में अपने पिता के साथ काफी समय रहा। उसके बाद लखनऊ आया। जहां से बेंगलुरु चला गया। वहां करीब दो साल रहने के बाद रक्षाबंधन पर लखनऊ आया था। दिन भर ई-रिक्शा चलाता और रात को घर में आकर सो जाता। वह दिल्ली में क्या करता था? इस पर बताया कि वह धरना-प्रदर्शन करने की बात कहकर घर से गया था। किस दोस्त के साथ गया और हम लोगों के पीछे क्या करता था कुछ पता नहीं।”
सागर की छोटी बहन माही शर्मा का कहना है,”उसने भाई को मां से दिल्ली में धरना प्रदर्शन में शामिल होने की बात कहते हुए सुना था। दो दिन पहले ही घर से निकला था।”
नानी का कहना है,”वह गुस्सैल स्वभाव का था, हमेशा कुछ बड़ा करने की बात कहता था, ऐसा बड़ा करेगा सपने में भी नहीं सोचा था।”
सागर के लखनऊ, उन्नाव, दिल्ली और बेंगलुरु में रहने वाले हर परिचितों पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर है। लखनऊ स्थित आवास पर दिल्ली पुलिस से मिले इनपुट के आधार लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियों के लोगों ने अलग-अलग पूछताछ की।
जहां बुजुर्ग नानी और मां से घर पर देर रात तक पूछताछ होती रही। वहीं पिता से थाने में ले जाकर पूछताछ की गई। वहीं उसके सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालने के दिल्ली की सर्विलांस टीम के साथ अन्य सुरक्षा एजेंसी अपने स्तर से पड़ताल कर रही है।
पिछले 15 सालों से सागर का परिवार लखनऊ में रह रहा है। पिता रोशनलाल कारपेंटर का काम करते हैं। सागर 9वीं तक पढ़ा है। घर में कुल मिलाकर चार लोग रहते हैं। एक बहन, माता-पिता और सागर खुद। सागर की मां ने बताया,”बेटा कभी किसी से लड़ाई-झगड़ा नहीं करता था। बेटा बहुत सीधा है, पता नहीं कैसे दिल्ली पहुंच गया। हमें बहुत जानकारी नहीं है।”
उधर, पड़ोसियों ने कहा,”हमें कभी इसकी जानकारी नहीं थी वो इन सब कामों में भी शामिल है। घर के पास ही नाना जगदीश, नानी उमा और मामा प्रदीप रहते हैं।”
मामा प्रदीप ने बताया,”सागर रक्षाबंधन के बाद बेंगलुरु गया था। उसकी मौसी दिल्ली में रहती हैं, वहां सागर का आना-जाना लगा रहता था। सागर का परिवार मूल रूप से उन्नाव का रहने वाला है। 15 साल पहले लखनऊ आकर बस गया था।”
बता दें कि जांच में ये बात सामने आई है कि इस साजिश में कुल 6 लोग शामिल थे। 2 लोगों ने अंदर हंगामा किया, तो 2 ने बाहर हंगामा किया। 2 लोग इस मामले में फरार हैं। संसद भवन की सुरक्षा तोड़ने वाले दोनों आरोपी युवकों के नाम सागर और मनोरंजन है। इनके साथ नीलम और अमोल शिंदे ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
बताया जा रहा है कि सागर शर्मा मैसूर से बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के अतिथि के रूप में दर्शक दीर्घा में आया था। लोकसभा में बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे। तभी सागर और मनोरंजन सदन की बेंच पर कूदने लगे। दोनों ने जूते में कुछ स्प्रे छिपा रखा था। उसे निकालकर स्प्रे किया, जिससे सदन में पीला धुआं फैलने लगा।
पूरे सदन में अफरा-तफरी का माहौल था। इसके बाद सांसदों ने दोनों को पकड़ लिया। कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने बताया कि मैंने उसे सबसे पहले पकड़ा। कुछ ने दोनों की पिटाई भी की। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया गया। इसे देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया।