राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में मतदान के बाद सियासत गरमा गई। प्रदेश में करौली जिले के श्रीमहावीरजी में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक वेदप्रकाश सोलंकी द्वारा दिया गया भाषण चर्चा में है। पायलट ने कहा, अभी भाषण में मेरा नाम ले रहे थे। मेरे इस कम उम्र में बहुत से पूर्व लगा दिए गए। मुझे संसद से पेंशन मिलती है। मैं सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहा हूं। पूर्व उप मुख्यमंत्री, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, अब और कितने ‘पूर्व’ लगाओगे मेरे नाम के आगे। पायलट के इस बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं
पायलट खेमे के विधायक अब एक बार फिर एकजुट होने लगे हैं। इस मौके पर सोलंकी ने कहा,पायलट लाओ राजस्थान बचाओ । सोलंकी के इस बयान को आगामी दिनों में कांग्रेस के आंतरिक सियासी टकराव से जोड़कर देखा जा रहा है। सोलंकी ने कहा अभी 40 डिग्री तापमान है। यहां का तापमान तो नाप लिया, लेकिन लोगों के दिलों में कितना तापमान है यह नहीं नापा। समय की मांग है कि ‘पायलट साहब को लाओ, राजस्थान बचाओ।’ उन्होंने कहा कि पायलट जो कहते हैं वो करते हैं। हम कांग्रेस के हितैषी हैं। हम युवा और गरीब की बात करते हैं। कांग्रेस सत्ता में फिर कैसे आएगी,यह बात जनता जानती है। अब निर्णय आलाकमान को करना है।
पायलट ने शनिवार को दौसा में मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा की स्थिति यह है कि राज्यसभा चुनाव में उनकी ही विधायक ने व्हिप का उल्लंघन किया है। भाजपा का कुनबा बिखर रहा है। राज्यसभा चुनाव में लोकतंत्र की जीत हुई है। राज्य में तीनों सीटें कांग्रेस ने जीती है। लेकिन चुनाव परिणाम के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का कोई बयान अब तक नहीं आया है। यह सोचने की बात है। भाजपा विपक्ष की भूमिका नहीं निभा पा रही है।