थोड़ी देर में चीन के विदेश मंत्री से मिलेंगे एस जयशंकर, पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर होगी चर्चा

भारत-चीन के बीच तनाव जारी है. इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर की मॉस्को में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात होगी. विदेश मंत्रालय ने मुलाकात से ठीक पहले कहा कि पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर भी दोनों नेता चर्चा करेंगे.

बता दें कि रूस की राजधानी मॉस्को में आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक हो रही है. इसी में शामिल होने के लिए जयशंकर और वांग यी मॉस्को में हैं.

जयशंकर और वांग के बीच द्विपक्षीय वार्ता में पूर्वी लद्दाख में तनाव घटाने के लिये कोई महत्वपूर्ण सफलता हासिल करने पर मुख्य रूप से ध्यान दिये जाने की उम्मीद है. बता दें कि शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगही के बीच एससीओ बैठक से अलग मॉस्को में बैठक हुई थी. बताया जा रहा है कि उसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकला.

भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में स्थिति ‘‘तनावपूर्ण’’ है. चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक पूर्वी लद्दाख में रेजांग-ला रीजलाइन में एक भारतीय चौकी के नजदीक एक स्थान पर जमे हुए हैं.

गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद से एलएसी पर तनाव काफी बढ़ गया था. इसी हफ्ते दोनों देशों ने एक दूसरे पर हवा में गोलियां चलाने का आरोप लगाया था.

यह 45 साल के अंतराल के बाद एलएसी पर गोलियों चलने का पहला मामला है. 1996 और 2005 में हुए समझौते के प्रावधानों के मुताबिक दोनों पक्ष किसी टकराव के दौरान बंदूकों का इस्तेमाल नहीं करेंगे.

एससीओ
एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में रूस, चीन, किर्गिज़ गणराज्य, कज़ाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान द्वारा की गई थी. भारत और पाकिस्तान को 2005 में समूह के पर्यवेक्षकों के रूप में शामिल किया किया गया था. 2017 में दोनों देशों को पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया गया.