पाकिस्तान (Pakistan) पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए भारत ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति की स्थापना के लिए आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों को तुरंत खत्म कर देना चाहिए और उनकी सप्लाई तुरंत बंद कर देनी चाहिए. उन्होंने सीमा पार आतंकवाद (Terrorism) समेत आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की अपील की.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में तत्काल हिंसा में कमी और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थायी और व्यापाक सीजफायर चाहता है. आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ वाली नीति के बारे में बात करते हुए उनका इशारा पाकिस्तान की ओर था.
आतंकियों की मदद करने वाले जवाबदेह
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना बेहद अहम है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी आतंकवादी संगठन द्वारा या किसी दूसरे देश को धमकाने या उस पर हमला करने के लिए न किया जाए. आतंकवादी संगठनों को मदद, आर्थिक सहयोग और अन्य सामग्री मुहैया कराने वालों को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंतर-अफगान वार्ता अफगानिस्तान में जारी हिंसा में कमी लाने में असफल साबित हुई है.
स्थायी संघर्षविराम के लिए बनाएं दबाव
विदेश मंत्री ने कहा कि लिहाजा यह जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और यह परिषद एक स्थायी और व्यापाक सीजफायर के लिए दबाव डाले ताकि तत्काल हिंसा में कमी संभव हो सके और आम नागरिकों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित हो पाए. उन्होंने कहा कि अफगान सरकार और तालिबान के बीच जारी वार्ता में तेजी लाने वाले प्रयासों का भारत समर्थन करता है.
संयुक्त राष्ट्र की अग्रणी भूमिका का समर्थन
इस संबंध में उन्होंने कहा कि शांति को बहाल करने के लिए यह बेहद जरूरी है कि वार्ता में शामिल होने वाले पक्ष अच्छी भावना के साथ इसमें शामिल हों. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक समाधान और अफगानिस्तान में स्थायी संघर्षविराम के लिए उठाए गए कदम का भारत स्वागत करता है. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र की अग्रणी भूमिका का समर्थन किया और इसे स्थायी समाधान निकालने में सहयोगी करार दिया.