वैगनर जवानों को रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने दिया ऑफर

रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर के जवानों को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन किया। पुतिन ने वैगनर जवानों को ऑफर देते हुए कहा, सैनिक या तो रूस की सेना में शामिल हो जाएं या घर लौट जाएं।
पुतिन ने मंगलवार को सुरक्षा अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग भी की। रूसी मीडिया RT के मुताबिक, पुतिन ने वैगनर ग्रुप के लड़ाके और कमांडरों को सच्चा देशभक्त बताया। जो अपने लोगों और देश के साथ गद्दारी नहीं कर सकते।
पुतिन ने आगे कहा, कुछ लोगों ने सैनिकों को अंधेरे में रखा और उन्हें अपने ही भाईयों के सामने बंदूक लेकर खड़ा कर दिया। जिनके साथ कभी वे कंधे से कंधा मिलाकर लड़े थे।
उधर वैगनर के चीफ येवगेनी वी प्रिगोजिन ने रूस में तख्तापलट से इनकार किया। प्रिगोजिन ने कहा, वह पुतिन को हटाना नहीं चाहते हैं। एक सोशल मीडिया ऐप पर जारी अपने 11 मिनट के ऑडियो में प्रिगोजिन कहते हैं, वैगनर आर्मी का मकसद रूस का यूक्रेन पर हमले का विरोध दर्ज कराना था। हमने अपना मार्च अन्याय से लड़ने के लिए शुरू किया था।
वैगनर ने 23 जून को बगावत कर दी थी। वैगनर आर्मी ने रोस्तोव शहर और मिलिट्री हेडक्वार्टर पर कब्जा कर लिया था। बाद में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने समझौता कराकर वैगनर आर्मी को पीछे हटने पर मजबूर किया।
वैगनर चीफ प्रिगोजिन की यह तस्वीर शनिवार देर रात रोस्तोव शहर में ली गई। रूस से डील के बाद वे अपने लड़ाकों के साथ यहां के मिलिट्री हेडक्वार्टर को खाली कर चले गए।
रॉयटर्स के मुताबिक, रूस और प्राइवेट आर्मी वैगनर के बीच तल्खी यूक्रेन के बाखमुत में वैगनर ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल अटैक के बाद शुरू हुई। इस हमलें में कई वैगनर लड़ाके मारे गए थे। प्रिगोजिन ने क्रेमलिन को इसका दोषी बताया था। ये हमला कब हुआ था, हालांकि इसकी जानकारी नहीं दी गई।
वैगनर प्रमुख प्रिगोजिन ने दावा किया है कि रूसी जनरलों ने यूक्रेन में उनके सैनिकों पर हवाई हमले का आदेश दिया था। उन्होंने कहा कि वे रूस के खिलाफ नहीं हैं। वो सिर्फ रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के साथ रूस के शीर्ष अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार प्रिगोजिन की यूक्रेन युद्ध में राष्ट्रपति पुतिन और रक्षामंत्री सर्गेई के साथ जीते गए इलाकों पर कब्जे के मुद्दों को लेकर अनबन चल रही है। प्रिगोझन यूक्रेन में जीते गए क्षेत्रों के बड़े हिस्से पर अपना कब्जा चाहता है। पुतिन के इनकार के बाद प्रिगोजिन विद्रोह के मूड में आ गए।
रॉयटर्स के मुताबिक, दो हफ्ते पहले ही रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया था। इसके तहत यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे सभी प्राइवेट लड़ाकों को रूस की सेना में शामिल होने के आदेश दिए गए थे। इसके लिए सभी प्राइवेट मिलिट्री से एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाने की बात कही गई थी।वैगनर ने ये समझौता करने से इनकार कर दिया था।वैगनर ग्रुप सैनिकों का एक निजी संगठन है। 2014 से पहले यह गुप्त संगठन था, जो ज्यादातर यूक्रेन, अफ्रीका और मध्य पूर्व में सक्रिय था। इसमें ज्यादातर रूस की एलीट रेजिमेंट और स्पेशल फोर्सेज के दिग्गज हैं। ग्रुप में 50 हजार से ज्यादा सैनिक हैं।

इसकी शुरुआत रूसी सेना के पूर्व अधिकारी दिमित्री उत्किन ने की थी। उसने चेचन्या के युद्ध में रहे उनके रेडियो कॉल साइन पर ग्रुप का नाम रखा था। वैगनर ग्रुप ने 2014 में अपने पहले अभियान में क्रीमिया पर कब्जा करने में रूस की मदद की थी।
वैगनर ग्रुप के फाउंडर येवगेनी प्रिगोजिन को रूसी राष्ट्रपति पुतिन का रसोईया भी कहा जाता था। वे पहले एक रेस्तरां चलाते थे जहां पुतिन अक्सर खाने के लिए जाया करते थे। वे धीरे-धीरे पुतिन के करीबी सहयोगी बन गए। उन्हें रूसी सरकार से करोड़ों रुपए के कॉन्ट्रैक्ट मिलने लगे।
पीएलसी वो निजी सैन्य संस्थाएं होती है जो किसी देश, संगठन या व्यक्ति काे गोपनीय तरीके से सुरक्षा या अन्य सेवाएं प्रदान करती है। इस समय लगभग 50 ऐसी कंपनियां हैं। सबसे ज्यादा अमेरिका में लगभग 15 पीएलसी है। दूसरे नंबर पर ब्रिटेन में 6 और रूस में 5 पीएलसी हैं।