बूचा में नरसंहार से बने विरोध के माहौल के बीच रूसी सेना के यूक्रेन के शहरों पर हमले जारी हैं। रूसी हमलों के केंद्र में अब यूक्रेन का दूसरा बड़ा शहर खार्कीव, डोनेस्क, लुहांस्क और मारीपोल हैं। रूसी सेना यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी इलाकों पर जल्द कब्जा करने के लिए रात-दिन हमले कर रही है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बूचा नरसंहार के मद्देनजर रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने और लड़ाई के लिए और हथियार देने की सहयोगी देशों से अपील की है।
पता चला है कि अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन ने रूस पर नए प्रतिबंधों के लिए तैयारी कर ली है। जल्द ही नए प्रतिबंधों की घोषणा हो जाएगी। बुधवार को डोनेस्क के वुहलेडर कस्बे में राहत सामग्री वितरण केंद्र रूसी गोलाबारी की चपेट में आ गया। इससे वहां मौजूद दो महिलाओं की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पूर्वी यूक्रेन के डोनेस्क और लुहांस्क पर पूरी तरह से कब्जा करने के लिए वहां पर रूसी हमले जारी हैं
मारीपोल में भीषण लड़ाई जारी है। वहां पर रूसी हवाई हमले भी हो रहे हैं। इनसे 90 प्रतिशत से ज्यादा ध्वस्त शहर की और ज्यादा दुर्दशा हो रही है। इस माहौल में वहां पर अभी एक लाख से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं जिन्हें खाने-पीने के सामान और अन्य जरूरी सामान की किल्लत महसूस हो रही है। यूक्रेन के डेनिप्रोपेट्रोव्स्क इलाके में बीती रात रूसी सेना ने एक तेल गोदाम और एक कारखाने पर हवाई हमला किया। इस हमले में भारी नुकसान होने और कई लोगों के मारे जाने की सूचना है।
अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन ने रूस पर नए प्रतिबंधों की तैयारी कर ली है। इन प्रतिबंधों के तहत रूस में निवेश करने वाली कंपनियों को निशाना बनाया जाएगा। ये प्रतिबंध यूक्रेन के बूचा कस्बे में बर्बरता के बाद मारे गए चार सौ से ज्यादा लोगों के शव मिलने के मद्देनजर लगाए जाएंगे। इन हत्याओं का आरोप रूसी सेना पर लग रहा है। जबकि रूस और वहां के सरकार समर्थक मीडिया ने बूचा के नरसंहार के लिए रूसी को जिम्मेदार ठहराने को झूठा दुष्प्रचार बताते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की है।
वेटिकन में ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने बूचा कस्बे से लाया गया यूक्रेन का राष्ट्रध्वज चूमकर वहां हुए नरसंहार की निंदा की और वहां शीघ्र शांति की कामना की। पोप ने यूक्रेन से आए छह बच्चों का मंच पर बुलाकर स्वागत किया और उन्हें उपहार दिए। कहा, ये बच्चे अब सुरक्षित स्थान पर आ गए हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों बूचा में हुई नरसंहार की घटना की जांच में तकनीक सहयोग देने के लिए तैयार हो गए हैं। इस नरसंहार का रूसी सेना पर आरोप है। यह जानकारी यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दी है।
बुधवार को ग्रीस ने 12 और नार्वे ने तीन रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने की घोषणा की है। इससे पहले फ्रांस, नीदरलैंड्स, बेल्जियम, इटली, स्वीडन, स्पेन और डेनमार्क इसी तरह की घोषणा कर चुके हैं। रूस ने जवाबी कार्रवाई करने की बात कही है लेकिन यह भी कहा है कि वह पश्चिमी देशों के साथ कूटनीतिक संबंध बनाए रखना चाहता है। चीन ने कहा है कि बूचा कस्बे में हुई नरसंहार की घटना दुखी करने वाली है लेकिन आरोप लगाने से पहले इसके लिए जिम्मेदार की तलाश की जानी चाहिए। इसके लिए पहले तटस्थ जांच होनी चाहिए
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की हंगरी विरोधी बयानबाजी पर विरोध जताने के लिए बुधवार को हंगरी के विदेश मंत्रालय ने राजधानी बुडापेस्ट में मौजूद यूक्रेन के राजदूत को तलब किया। यूक्रेन के पड़ोसी और नाटो के सदस्य देश हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सजीरातो ने बताया है कि राजदूत से कहा गया है कि हम रूसी हमले की निंदा करते हैं, हम यूक्रेन की संप्रभुता के पक्षधर हैं। लेकिन यह हमारा युद्ध नहीं है। हम इसमें शामिल होना नहीं चाहते। इसलिए यूक्रेन के नेता बयानबाजी में संयम बरतें।