अयोध्या में श्री राम मंदिर के भूमि पूजन के साथ ही आज का दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया। पीएम मोदी की यहां पर मौजूदगी उनके उस दौर की भी याद ताजा कर देती है जब 1992 में राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान वे एक कारसेवक के रूप में अयोध्या आए थे। उस समय उन्होंने रामलला के दर्शन किए थे। तब से लेकर आज बहुत कुछ बदल गया है। अब राम मंदिर निर्माण की सभी बाधाएं खत्म हो चुकी हैं और भविष्य में यहां पर एक भव्य मंदिर होगा। आज का दिन केवल इसी वजह से खास नहीं रहा बल्कि इसलिए भी खास था क्योंकि ये पहला मौका था जब प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ मंच साझा किया था।
भागवत ने मंच से लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी को जनप्रिय प्रधानमंत्री कहा। उन्होंने इस पल को आनंद का क्षण बताया। उन्होंने ये भी कहा कि इसका शुभारंभ आज देश को कुशल नेतृत्व देने व्यक्ति के द्वारा हो रहा है ये हम सभी का सौभाग्य है। RSS प्रमुख ने कहा कि वर्षों पहले एक संकल्प लिया था और उस वक्त आरएसएस प्रमुख ने कहा था कि बीस-तीस वर्षों तक ये आंदोलन करना होगा तब कहीं जाकर सफलता हासिल होगी। आज लगभग 30 वर्षों के बाद इसका आनंद मिला है। उन्होंने ये भी कहा कि इस आंदोलन में भाग लेने वाले कुछ हैं और कुछ नहीं हैं। लेकिन जो हैं वो अपने घर से ही इस पल के साक्षी बन रहे हैं। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिस आत्मविश्वास की जरूरत थी उसका सगुण साकार बनने का शुभारंभ आज हुआ है। ये है आध्यात्मिक दृष्टि का अनुष्ठान है। इस मौके पर उन्होंने वासुदेव कुटुंबकम की भी बात कही और सभी को साथ लेकर चलने की बात कही। उन्होंने इस मौके पर पीएम मोदी की भी तारीफ की।
मोहन भागवत ने कहा कि आज जब पूरा विश्व कोरोना वायरस की मार झेल रहा है और विचार कर रहा है कि कहां भूल हुई। उनके सोचे दोनों ही मार्ग बंद हैं ऐसे में भारत तीसरा विकल्प दे सकता है। इसके शुभारंभ का भी आज दिन आया है। उन्होंने कहा कि सभी राम के हैं और सब राम के हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि भव्य मंदिर के साथ ही अमें अपने मन की अयोध्या को भी सजाना होगा। इसकी ध्वजा के साथ पूरे विश्व की शांति के लिए भारत को खड़ा करना है। उन्होंने कहा कि यहां पर भव्य मंदिर के बनने से पहले हमारा मन मंदिर भी तैयार हो जाना चाहिए
जहां तक मोहन भागवत द्वारा पीएम मोदी की तारीफ करने की बात है तो आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं हुआ है। उन्हें जब जब मौका मिला तब-तब उन्होंने अपने मन की बात सामने रखी है। जुलाई 2017 में जब उन्होंने सुलभ इंटरनेशनल के प्रमुख बिंदेश्वरी पाठक के जरिए पीएम मोदी पर लिखी गई किताब, ‘द मेकिंग ऑफ ए लेजेंड’ का विमोचन किया था तब उन्होंने कहा था कि मोदी किसी चीज को असंभव नहीं मानते और उनके नेतृत्व में देश को आशा है। उन्होंने ये बातें तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में कही थी। उस वक्त उन्होंने कहा था कि देश की जनता गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से लेकर पीएम बनने तक के मोदी के सफर को जानना चाहते हैं। सारी दुनिया में उनकी गूंज है। लेकिन लोगों को मुख्यमंत्री बनने से पहले की बिना पहचान वाले मोदी को भी जानना चाहिए। इसकी ही बदौलत वो यहां तक पहुंचे हैं।